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श्राद्ध अमावस्या पर गोवंश की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध

श्राद्ध अमावस्या के अवसर पर भिवानी में गोवंश की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने विशेष कदम उठाए हैं। गायों को बीमारियों से बचाने के लिए 21 से 23 सितंबर तक पशु चिकित्सकों की टीमें तैनात की गई हैं। इस बार गोग्रास खिलाने के तरीके में बदलाव किया गया है, जिससे गायों को नियंत्रित मात्रा में खाना मिल सके। जानें इस मुहिम के तहत प्रशासन ने क्या-क्या प्रबंध किए हैं और कैसे गोशालाओं में गोग्रास का संग्रहण किया जाएगा।
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श्राद्ध अमावस्या पर गोवंश की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध

श्राद्ध अमावस्या पर गोवंश की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम

Shradh Amavasya (भिवानी) : श्राद्ध अमावस्या के अवसर पर गोवंश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भिवानी में पशुपालन और डेयरी विभाग ने आवश्यक कदम उठाए हैं। इस बार गायों को बीमारियों से बचाने के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। 21 से 23 सितंबर तक, 16 पशु चिकित्सक, 32 वीएलडीए, और 48 पशु परिचर दिन-रात अपनी सेवाएं देंगे। ये टीमें बीमार गोवंश का त्वरित उपचार करेंगी ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।


गायों को बीमारी से बचाने की मुहिम

श्राद्ध अमावस्या पर लोग गायों को गोग्रास देते हैं, लेकिन कभी-कभी अधिक मात्रा में खाना देने से गायें बीमार हो जाती हैं या उनकी मृत्यु हो जाती है। पिछले पांच वर्षों में ऐसी घटनाएं बढ़ी हैं। इस बार प्रशासन ने गोरक्षकों के सहयोग से सात टीमें गठित की हैं, जो गायों की जान बचाने के लिए पूरी मेहनत कर रही हैं। भिवानी के महम रोड स्थित गोशाला में पशुपालन विभाग के अधिकारी और चिकित्सक प्रधान संजय परमार की निगरानी में तैयारियों का निरीक्षण किया जा रहा है। इसके साथ ही, शहर और गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। लोगों से अनुरोध किया जा रहा है कि वे सड़कों, चौराहों या गलियों में खड़े गोवंश को गोग्रास न खिलाएं। इसके बजाय, गोशालाओं में गोग्रास पहुंचाने की अपील की जा रही है ताकि गायों को नियंत्रित मात्रा में खाना मिल सके।


गोशाला में गोग्रास का संग्रहण

श्री ट्रस्ट गोशाला भिवानी के प्रधान ने बताया कि बीमार गायों के उपचार के लिए गोशाला में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं। श्राद्ध अमावस्या के दिन गोशाला के गेट पर ड्रम रखे जाएंगे, जिनमें लोग पितृ तृप्ति दान डाल सकेंगे। उन्होंने नगर परिषद से अनुरोध किया है कि अमावस्या के दिन कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों में ड्रम लगाकर शहर में घुमाया जाए। इससे तला हुआ खाना, जो गायों के लिए हानिकारक हो सकता है, ड्रमों में एकत्रित होगा। बाद में इसे गोशालाओं में बांटा जाएगा, ताकि गायों को नुकसान न हो और लोगों की भावनाएं भी आहत न हों।


अधिकारियों द्वारा निरीक्षण

बुधवार को उपमंडलाधिकारी डॉ. राजेश जाखड़ ने महम रोड स्थित श्री ट्रस्ट गोशाला का दौरा किया। उन्होंने बीमार पशुओं के लिए रखी गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और कर्मचारियों को आवश्यक निर्देश दिए। नोडल ऑफिसर डॉ. विजय सनसनवाल ने गोवंश की सुरक्षा के लिए विभाग से पूरा सहयोग मांगा।


पशु चिकित्सकों की टीमों की तैनाती

21 सितंबर को डॉ. सोनू और डॉ. मनीष की टीम चार वीएलडीए और छह पशु परिचरों के साथ सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक गोशाला में पशुओं का इलाज करेगी। दूसरी टीम डॉ. विजय सनसनवाल और डॉ. जितेंद्र की अगुवाई में चार वीएलडीए और छह पशु परिचरों के साथ शाम 4 बजे से रात 12 बजे तक काम करेगी। तीसरी टीम डॉ. हरिओम और डॉ. नरेंद्र के नेतृत्व में 22 सितंबर को रात 12 बजे से सुबह 8 बजे तक इलाज करेगी।

इसी तरह, डॉ. सुधीर और डॉ. जोनी की टीम 22 सितंबर को सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक, जबकि डॉ. मनोज और डॉ. विशाल की टीम शाम 4 बजे से रात 12 बजे तक ड्यूटी पर रहेगी। छठी टीम डॉ. संजीव और डॉ. नीमन की अगुवाई में काम करेगी। इसके अलावा, डॉ. अमित पूनिया, डॉ. बलवान, और डॉ. राजेश की टीमें नंदीशाला और रिजर्व की जिम्मेदारी संभालेंगी।