श्रीनगर एयरपोर्ट पर भारतीय जवान का विवाद: स्पाइसजेट कर्मचारियों पर हमला!

भारतीय सेना की प्रतिक्रिया
हाल ही में भारतीय सेना ने एक घटना पर अपनी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें एक जवान पर श्रीनगर एयरपोर्ट पर स्पाइसजेट के कर्मचारियों के साथ हिंसक व्यवहार करने का आरोप लगा है। सेना ने कहा है कि वह इस मामले की जांच के परिणामों का इंतजार कर रही है और संबंधित अधिकारियों को जांच में पूरा सहयोग दिया जा रहा है। यह मामला 26 जुलाई को सामने आया और सोशल मीडिया पर इसका वीडियो तेजी से फैल गया, जिससे यह विवाद बढ़ गया।
सेना का आधिकारिक बयान
सेना ने एक आधिकारिक बयान में कहा, "हमें जानकारी मिली है कि श्रीनगर एयरपोर्ट पर एक जवान और एयरलाइन कर्मियों के बीच विवाद हुआ। भारतीय सेना अनुशासन और पेशेवर आचरण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और सभी आरोपों को गंभीरता से लिया जाता है।" सेना मुख्यालय ने यह भी स्पष्ट किया कि वह देशभर में नागरिक स्थानों पर अनुशासन और आपसी सम्मान बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
सामान को लेकर विवाद
यह घटना तब हुई जब स्पाइसजेट की उड़ान SG-386 श्रीनगर से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली थी। रिपोर्टों के अनुसार, अतिरिक्त सामान को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। स्पाइसजेट का दावा है कि एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने उनके चार ग्राउंड स्टाफ पर शारीरिक हमला किया।
घायल कर्मचारी
स्पाइसजेट ने बताया कि इस घटना में एक कर्मचारी की रीढ़ की हड्डी में चोट आई है, जबकि एक अन्य के जबड़े में गंभीर चोट लगी। एयरलाइन के बयान के अनुसार, "हमारे कर्मचारी पर घूंसे, लात और स्टैंड से वार किए गए। एक कर्मचारी के बेहोश होने के बावजूद उस पर हमला जारी रहा। एक अन्य को जबड़े पर लात लगने से नाक और मुंह से खून बहने लगा।" सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उनका इलाज जारी है।
वीडियो के वायरल होने के बाद विवाद बढ़ा
3 अगस्त को इस घटना का एक वीडियो इंटरनेट पर सामने आया, जिसमें एक व्यक्ति कतार में लगे स्टैंड से कर्मचारियों पर हमला करते हुए दिखाई देता है। वीडियो में यह भी देखा गया कि अन्य कर्मचारी उसे रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद जनभावनाएं भड़क उठीं और मामला तूल पकड़ लिया।
कानूनी कार्रवाई की मांग
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरोपी अधिकारी पर "जानलेवा हमला" करने का आरोप लगाया गया है और मामले में कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि, अभी तक सेना की ओर से किसी दंडात्मक कार्रवाई की पुष्टि नहीं की गई है।