संजय राउत ने चुनाव आयोग पर उठाए गंभीर सवाल, राजीव कुमार की भूमिका पर उठे सवाल

चुनाव आयोग पर संजय राउत की तीखी टिप्पणी
Sanjay Raut on Election Commission: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने रविवार को चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की अनुपस्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा लगाए गए 'वोट चोरी' के आरोपों के संदर्भ में यह मुद्दा उठाया। राउत ने पूछा कि जब चुनाव आयोग पर इतने गंभीर आरोप हैं, तो राजीव कुमार का क्या हुआ और उनकी भूमिका क्या रही?
राजीव कुमार ने लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाया
संजय राउत ने 2023 में शिवसेना के विभाजन की घटनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि राजीव कुमार ने एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना मानते हुए पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न उन्हें सौंप दिया, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ था। उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्णय ने महाराष्ट्र की राजनीति में अस्थिरता को बढ़ावा दिया और भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाया। राउत ने आरोप लगाया कि राजीव कुमार ने भाजपा और उसके सहयोगियों को 2024 के चुनावों में जीत दिलाने में अप्रत्यक्ष रूप से मदद की। उनका यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
कंहा गायब हो गये ये लोग?
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) August 17, 2025
The 2024 Lok Sabha and Maharashtra Assembly elections were won by BJP and their allies with significant help from this gentleman! By giving the Shiv Sena party and symbol to the traitor faction, he encouraged defections! Rahul Gandhi has now exposed the… pic.twitter.com/C6yK6IgATw
सोशल मीडिया पर उठाया सवाल, ये शख्स कहां है?
राउत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में लिखा कि '2024 के चुनाव भाजपा इसी सज्जन की मदद से जीती है। शिवसेना और चुनाव चिन्ह गद्दारों को देकर इन्होंने दलबदल को बढ़ावा दिया। अब राहुल गांधी ने चुनाव आयोग की असलियत उजागर कर दी है, लेकिन सवाल है कि ये सज्जन अब कहां हैं? क्या कोई बता सकता है?' राउत के इस बयान ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि क्या चुनाव आयोग जैसे संवैधानिक संस्थाओं पर राजनीतिक प्रभाव बढ़ रहा है?
पूर्व उपराष्ट्रपति को लेकर भी जताई चिंता
संजय राउत ने पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाया है। उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर पूछा कि धनखड़ की वर्तमान स्थिति क्या है, वे कहां हैं और क्या वे सुरक्षित हैं? राउत ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि धनखड़ को उनके निवास पर सीमित कर दिया गया है और उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है।
21 जुलाई को सत्र की हुई थी शुरुआत
राउत ने लिखा कि '21 जुलाई को संसद सत्र की शुरुआत हुई थी और उसी दिन उपराष्ट्रपति ने राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन किया था। लेकिन उसके बाद से न तो उनकी कोई सार्वजनिक उपस्थिति हुई है, न ही किसी सदस्य की उनसे बात हो पाई है। यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है और देश को इस पर स्पष्ट जानकारी मिलनी चाहिए।'
चुनाव आयोग पर विपक्ष का तीखा हमला
इस पूरे घटनाक्रम के संदर्भ में राहुल गांधी द्वारा चुनाव आयोग पर पक्षपात के आरोप और 'वोट चोरी' का मामला प्रमुख बना हुआ है। 7 अगस्त को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाए और कहा कि वोटिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी कर भाजपा को लाभ पहुंचाया गया। उन्होंने दस्तावेज़ों और प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी बात को सिद्ध करने का प्रयास किया। राहुल गांधी के नेतृत्व में INDIA गठबंधन के नेताओं ने दिल्ली में संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग मुख्यालय तक विरोध मार्च भी निकाला, जो इस आरोप को लेकर विपक्ष की एकजुटता को दर्शाता है।