Newzfatafatlogo

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट: हर 10 मिनट में एक महिला या लड़की की हत्या

संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट ने महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की alarming स्थिति को उजागर किया है। हर 10 मिनट में एक महिला या लड़की की हत्या होती है, जिसमें अधिकांश हत्याएं उनके करीबी रिश्तेदारों द्वारा की जाती हैं। अफ्रीका में फेमिसाइड की दर सबसे अधिक है, और घर अब कई महिलाओं के लिए सुरक्षित स्थान नहीं रह गया है। रिपोर्ट में ऑनलाइन हिंसा के बढ़ते खतरे का भी उल्लेख किया गया है, जो वास्तविक जीवन में भी गंभीर परिणाम ला सकता है। जानें इस रिपोर्ट में और क्या कहा गया है।
 | 
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट: हर 10 मिनट में एक महिला या लड़की की हत्या

महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट ने महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा के प्रति गंभीर चिंता व्यक्त की है। संयुक्त राष्ट्र मादक पदार्थ एवं अपराध कार्यालय (यूएनओडीसी) और संयुक्त राष्ट्र महिला द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, हर 10 मिनट में एक महिला या लड़की की हत्या उसके साथी या परिवार के सदस्य द्वारा की जाती है।


रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले वर्ष वैश्विक स्तर पर 83,000 महिलाओं और लड़कियों की जानबूझकर हत्या की गई। इनमें से 60% यानी लगभग 50,000 हत्याएं उनके करीबी रिश्तेदारों या साथी द्वारा की गईं। यह औसतन 137 हत्याओं के बराबर है प्रतिदिन। इसके विपरीत, उसी वर्ष पुरुषों की केवल 11% हत्याएं ही घरेलू संबंधों से जुड़ी थीं।


अफ्रीका में सबसे अधिक महिला हत्या दर
रिपोर्ट के अनुसार, करीबी साथी या परिवार के सदस्यों द्वारा की गई महिलाओं की हत्या (फेमिसाइड) की दर अफ्रीका में सबसे अधिक है, जहां प्रति 1 लाख महिला आबादी पर 3 हत्याएं होती हैं। इसके बाद अमेरिका (1.5), ओशिनिया (1.4), एशिया (0.7) और यूरोप (0.5) का स्थान है।


घर अब खतरनाक स्थान बन गया है
यूएनओडीसी के कार्यकारी निदेशक जान ब्रैंडोलिनो ने कहा कि कई महिलाओं और लड़कियों के लिए घर अब सुरक्षित नहीं रह गया है, बल्कि कई बार यह जानलेवा स्थान बन जाता है। उन्होंने महिला हत्या को रोकने के लिए प्रभावी रणनीतियों और आपराधिक न्याय प्रणाली की मजबूत कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया।


ऑनलाइन से ऑफलाइन तक बढ़ती हिंसा
संयुक्त राष्ट्र महिला की नीति निदेशक सारा हेंड्रिक्स ने डिजिटल हिंसा के बढ़ते खतरे पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन उत्पीड़न अक्सर वास्तविक जीवन में भी हिंसा का रूप ले लेता है, और गंभीर मामलों में यह महिलाओं की हत्या का कारण बन सकता है।


रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महिलाओं और लड़कियों को दुनिया के हर क्षेत्र में इस प्रकार की हिंसा का सामना करना पड़ रहा है, और इस स्थिति में कोई वास्तविक सुधार नहीं दिखाई दे रहा है।