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संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की जलवायु परिवर्तन पर पहल

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में भारत ने जलवायु परिवर्तन और आपदा प्रबंधन पर अपनी पहल प्रस्तुत की। एंबेसडर सिबी जॉर्ज ने बताया कि भारत न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है, बल्कि वैश्विक सहयोग के माध्यम से पर्यावरणीय आपदाओं का सामना करने के लिए भी तत्पर है। जानें इस सत्र में क्या चर्चा हुई और भारत की भूमिका क्या है।
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संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत की जलवायु परिवर्तन पर पहल

संयुक्त राष्ट्र महासभा का 80वां सत्र

संयुक्त राष्ट्र महासभा की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित उच्च स्तरीय सत्र में भारत के एंबेसडर सिबी जॉर्ज ने भाग लिया। उन्होंने अत्यधिक गर्मी और आपदा पूर्व चेतावनी प्रणाली पर गहन चर्चा की। इस दौरान, उन्होंने भारत के राष्ट्रीय हिट एक्शन प्लान की सफलता और इसके प्रभावों का उल्लेख किया। इस योजना में डिजिटल उपकरणों के माध्यम से अंतिम चरण तक अलर्ट भेजने की प्रणाली और किफायती कूलिंग समाधान शामिल हैं, जो आम जनता के लिए विशेष रूप से लाभकारी हैं।



एंबेसडर ने बताया कि भारत न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है, बल्कि वैश्विक दक्षिण के देशों के साथ मिलकर पर्यावरणीय आपदाओं का सामना करने के लिए सहयोग करने के लिए भी तत्पर है। इस पहल के तहत, पूर्व चेतावनी प्रणाली आपदा प्रबंधन में साझेदारी को बढ़ावा देने की योजना है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत डिजिटल तकनीक और किफायती उपायों के माध्यम से विकासशील देशों को सहायता प्रदान करने में सक्षम है।


सिबी जॉर्ज ने इस सत्र में स्पष्ट किया कि भारत जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने और वैश्विक स्तर पर आपदा प्रबंधन में सक्रिय भूमिका निभाने को प्राथमिकता दे रहा है। उन्होंने अन्य देशों के साथ संयुक्त परियोजनाओं और अनुभव साझा करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।


इस पहल के माध्यम से, भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने नेतृत्व और सहयोग की भूमिका को और मजबूत करने का संदेश दिया है। भारत ने वैश्विक समुदाय को यह दिखाया है कि कैसे स्थानीय और राष्ट्रीय उपायों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सहयोग के माध्यम से अत्यधिक गर्मी और प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया जा सकता है।