संसद रत्न पुरस्कार 2025: उत्कृष्ट सांसदों को मिलेगा सम्मान

संसद की महत्वपूर्ण भूमिका
लोकतंत्र में संसद का कार्य केवल कानून निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जनप्रतिनिधियों की सक्रियता और जवाबदेही का एक महत्वपूर्ण मंच भी है। जब कोई सांसद लगातार तीन लोकसभा कार्यकालों में उत्कृष्टता प्रदर्शित करता है, तो वह न केवल लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक बनता है, बल्कि अन्य सांसदों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनता है। इसी संदर्भ में, वर्ष 2025 के 'संसद रत्न पुरस्कार' उन सांसदों को सम्मानित करेंगे, जिन्होंने अपने कार्य और सहभागिता से संसद में एक मिसाल कायम की है.
संसद रत्न पुरस्कार 2025 के लिए चयनित सांसद
संसद रत्न पुरस्कार 2025 के लिए चुने गए 17 सांसदों में सुप्रिया सुले (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी - शरदचंद्र पवार गुट), रवि किशन (भारतीय जनता पार्टी), निशिकांत दुबे (भाजपा), और अरविंद सावंत (शिवसेना - उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) शामिल हैं। इन सांसदों को संसद में प्रश्न पूछने, बहस में भाग लेने और विधायी प्रक्रियाओं में सक्रियता के आधार पर सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार नई दिल्ली स्थित महाराष्ट्र सदन में 26 जुलाई 2025 को आयोजित समारोह में प्रदान किया जाएगा.
विशेष जूरी पुरस्कार के विजेता
लगातार तीन टर्म में उत्कृष्ट प्रदर्शन
इस बार चार सांसदों को 'विशेष जूरी पुरस्कार' से भी सम्मानित किया गया है, जिनका प्रदर्शन 16वीं लोकसभा से लेकर अब तक लगातार प्रभावशाली रहा है। इन सांसदों में भर्तृहरि महताब (भाजपा, ओडिशा), एन. के. प्रेमचंद्रन (क्रांतिकारी समाजवादी पार्टी, केरल), सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी, महाराष्ट्र), और श्रीरंग आप्पा बारणे (शिवसेना, महाराष्ट्र) शामिल हैं। इन सभी ने संसदीय कार्यवाही में निरंतरता और गुणवत्ता दोनों को बनाए रखा है.
अन्य सम्मानित सांसद और समिति श्रेणी के विजेता
अन्य सम्मानित सांसद और समिति श्रेणी के विजेता
अन्य विजेता सांसदों में स्मिता उदय वाघ (भाजपा), नरेश म्हास्के (शिवसेना), वर्षा गायकवाड़ (कांग्रेस), मेधा कुलकर्णी (भाजपा), प्रवीण पटेल (भाजपा), बिद्युत बरन महतो (भाजपा), और दिलीप साईकिया (भाजपा) शामिल हैं। इन सभी ने अपने क्षेत्रों की समस्याओं को संसद में प्रभावी रूप से उठाया और समाधान के लिए प्रयास किए.
संसदीय समितियों की श्रेणी में वित्त संबंधी स्थायी समिति (अध्यक्ष - भर्तृहरि महताब) और कृषि संबंधी स्थायी समिति (अध्यक्ष - डॉ. चरणजीत सिंह चन्नी, कांग्रेस) को उनके रिपोर्ट्स की गुणवत्ता और विधायी निगरानी में योगदान के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया गया है.