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सऊदी अरब में ड्रग अपराधों के लिए मौत की सजा: क्या बदलेंगे नियम?

सऊदी अरब में ड्रग तस्करी के मामलों में मौत की सजा की नीति पर एक गहन दृष्टि। एमनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में 345 लोगों को मौत की सजा दी गई, जिनमें से अधिकांश ड्रग्स से जुड़े थे। क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने कहा था कि केवल हत्या के मामलों में ही मृत्युदंड दिया जाना चाहिए, लेकिन यह नीति पूरी तरह से लागू नहीं हो रही है। जानें कि कैसे अन्य देशों में भी ड्रग्स के मामलों में फांसी की सजा दी जाती है और क्या मानवाधिकार आयोग ने इस पर कोई पहल की है।
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सऊदी अरब में ड्रग अपराधों के लिए मौत की सजा: क्या बदलेंगे नियम?

सऊदी अरब में कठोर दंड की व्यवस्था

सऊदी अरब एक ऐसा राष्ट्र है जहाँ अपराधों के लिए अत्यंत सख्त सज़ाएं लागू की जाती हैं। विशेष रूप से, ड्रग तस्करी के मामलों में तो सीधे मौत की सजा दी जाती है, भले ही अपराध में कोई हिंसा शामिल न हो। एमनेस्टी इंटरनेशनल की एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब में ड्रग से जुड़े अपराधों के लिए भी बिना हिंसक गतिविधि के लोगों को फांसी दी जाती है। वर्ष 2023 में, 345 व्यक्तियों को मौत की सजा सुनाई गई, जिनमें से लगभग दो-तिहाई मामले ड्रग्स से संबंधित थे.


इस्लामी शिक्षाओं पर आधारित न्यायिक नीतियां

सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पहले कहा था कि केवल हत्या जैसे मामलों में ही मृत्युदंड दिया जाना चाहिए, लेकिन इस पर पूरी तरह से अमल नहीं हो रहा है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि वे कुरान में वर्णित विशेष श्रेणी के मामलों को छोड़कर सभी मामलों में फांसी को समाप्त करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सऊदी की न्यायिक नीतियां इस्लामी शिक्षाओं पर आधारित हैं.


अन्य देशों में भी है फांसी की सजा

सऊदी अरब के अलावा, ईरान, यूएई और कुवैत जैसे देशों में भी ड्रग्स के मामलों में फांसी की सजा आम है। चीन और ईरान के बाद, सऊदी अरब दुनिया में सबसे अधिक मौत की सजा देने वाला देश बन गया है.


विदेशियों को भी मिल रही है फांसी

एमनेस्टी ने यह भी बताया कि हाल के वर्षों में कम से कम 25 विदेशी नागरिकों को फांसी दी गई है, जिनमें से अधिकांश को स्थानीय कानूनों की जानकारी नहीं थी और उन्हें कानूनी सहायता भी नहीं मिली। मिस्र के एसाम अहमद जैसे व्यक्तियों का उदाहरण सामने आया है, जिन्हें 2021 में समुद्र में मछली पकड़ते समय गिरफ्तार किया गया और उन पर ड्रग तस्करी का आरोप लगाया गया.


मानवाधिकार आयोग की पहल

2021 में, सऊदी मानवाधिकार आयोग ने ड्रग अपराधियों की सजा में राहत देने की बात कही थी, लेकिन तीन वर्षों में यह छूट वापस ले ली गई। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि क्राउन प्रिंस चाहें, तो कानूनी बदलाव कर सकते हैं, लेकिन फिलहाल ऐसा कोई संकेत नहीं दिया गया है.