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सदानंदन मास्टर: संघर्ष की कहानी जो राज्यसभा तक पहुंची

सदानंदन मास्टर की कहानी एक प्रेरणादायक यात्रा है, जो संघर्ष और साहस का प्रतीक है। एक राजनीतिक षड्यंत्र के कारण अपंग होने के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और समाज सेवा के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके जीवन को सराहा है। जानें कैसे सदानंदन ने अपने जीवन को नया मोड़ दिया और राज्यसभा में जगह बनाई।
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सदानंदन मास्टर: संघर्ष की कहानी जो राज्यसभा तक पहुंची

सदानंदन मास्टर की प्रेरणादायक यात्रा

राज्यसभा में मनोनीत सदानंदन मास्टर की कहानी न केवल प्रेरणा देती है, बल्कि यह साहस और अडिग आत्मबल का प्रतीक भी है। एक शिक्षक, जो कभी अपने पैरों पर खड़ा था, एक राजनीतिक षड्यंत्र के कारण अपंग हो गया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और समाज सेवा के मार्ग पर अडिग बने रहे।


प्रधानमंत्री की सराहना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदानंदन मास्टर के जीवन को सराहा, जो अन्याय और हिंसा के बावजूद उनकी प्रतिबद्धता को नहीं तोड़ सके। 25 जनवरी 1994 को हुए हमले में अपने दोनों पैर खोने के बाद भी, सदानंदन ने देश की सबसे बड़ी संसद में अपनी जगह बनाई।


एक काली रात का असर

25 जनवरी 1994 की रात सदानंदन मास्टर के लिए कभी न भूलने वाली थी। अपनी बहन की शादी का निमंत्रण देकर लौटते समय, कुछ सीपीएम कार्यकर्ताओं ने उन पर घातक हमला किया। हमलावरों ने न केवल उन्हें बेरहमी से मारा, बल्कि उनके दोनों पैरों को भी काट दिया। उस समय उनकी उम्र केवल 30 वर्ष थी।


राजनीतिक जुड़ाव और संघर्ष

सदानंदन का परिवार पहले सीपीएम से जुड़ा था, लेकिन कुछ नेताओं से मतभेद के बाद उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा को अपनाया। हमले के बाद, उन्होंने कृत्रिम पैरों की मदद से अपने जीवन को नया मोड़ दिया और 1999 में एक माध्यमिक विद्यालय में शिक्षक के रूप में कार्य करना शुरू किया।


राजनीति में सक्रियता

शिक्षक पद से रिटायर होने के बाद, सदानंदन मास्टर ने सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेना शुरू किया। उन्होंने 2016 और 2021 में बीजेपी के टिकट पर केरल विधानसभा चुनाव भी लड़े। उनका मानना है कि केरल के लिए एक नया राजनीतिक विकल्प तैयार करना आवश्यक है।


गर्व का क्षण

राज्यसभा में मनोनयन पर अपनी प्रतिक्रिया में, सदानंदन मास्टर ने कहा कि यह उनके लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने पार्टी के विश्वास को सराहा और कहा कि वे विकसित केरल और भारत के संकल्प को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।


पीएम मोदी की शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदानंदन मास्टर को राज्यसभा में मनोनयन पर शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि उनका जीवन साहस और अन्याय के खिलाफ खड़े होने का प्रतीक है। उनके प्रयास एक शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में अत्यंत सराहनीय हैं।