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सरकार ने वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए UMEED पोर्टल लॉन्च किया

सरकार ने वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए UMEED नामक एक नया पोर्टल लॉन्च किया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने इस पोर्टल का उद्घाटन किया, जो वक्फ संपत्तियों की जानकारी को एकत्रित करने में मदद करेगा। नया कानून 8 अप्रैल 2025 से लागू होगा, और इसके तहत सभी वक्फ संपत्तियों की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा। इस बीच, नए वक्फ संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, और सभी की नजरें अब कोर्ट के फैसले पर हैं।
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सरकार ने वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए UMEED पोर्टल लॉन्च किया

UMEED पोर्टल का उद्घाटन

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय नए वक्फ संशोधन कानून पर अभी आना बाकी है। इस बीच, सरकार ने वक्फ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए एक नया कानूनी पोर्टल लॉन्च किया है। इस पोर्टल पर सभी वक्फ संपत्तियों की जानकारी देना अनिवार्य होगा।


केंद्रीय मंत्री का बयान

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजीजू ने आज UMEED (यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट एफिशिएंसी एंड एंपावरमेंट एक्ट 1995) पोर्टल का उद्घाटन किया। यह पोर्टल पिछले संसद सत्र में वक्फ कानून 1995 में किए गए संशोधन के तहत लाया गया है। पुरानी वक्फ संपत्तियों की जानकारी इस पोर्टल पर अपलोड करनी होगी, और 8 अप्रैल 2025 के बाद दान की गई संपत्तियों को भी रजिस्टर करना अनिवार्य होगा।


नए कानून की विशेषताएँ

यह नया कानून 8 अप्रैल 2025 से लागू होगा। उस दिन से पहले देश में मौजूद सभी वक्फ संपत्तियों की जानकारी को छह महीने के भीतर पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक होगा। इसके अलावा, सेक्शन 5 के तहत औकाफ (वक्फ दान करने वालों) की सूची भी अपलोड करनी होगी। नए वक्फ के रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन भी इसी पोर्टल पर करना होगा।


मंत्री का आश्वासन

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा कि कुछ व्यक्तियों ने इस कानून का दुरुपयोग करने का प्रयास किया था, लेकिन अब यह कानून लागू हो चुका है। इससे गरीब मुसलमानों को लाभ होगा। सभी को इस प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए। कई लोग जानकारी की कमी के कारण इसका विरोध कर रहे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होना चाहिए।


सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

नए वक्फ संशोधन कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है, और सुनवाई पूरी हो चुकी है, लेकिन निर्णय अभी आना बाकी है। अब सभी की नजरें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हैं कि यह किसके पक्ष में आएगा। इस स्थिति में यह देखना दिलचस्प होगा कि मुस्लिम संगठनों और विपक्षी दलों का विरोध जारी रहेगा या मामला शांत हो जाएगा।