Newzfatafatlogo

सहारा समूह पर ED की चार्जशीट: सुब्रत रॉय और परिवार मुख्य आरोपी

सहारा समूह के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने लखनऊ की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें सुब्रत रॉय और उनके परिवार को मुख्य आरोपी बनाया गया है। यह मामला निवेशकों से अवैध धन जुटाने से जुड़ा है। ED की जांच में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप भी शामिल हैं। जानें इस मामले की पूरी कहानी और इसके संभावित कानूनी परिणाम।
 | 
सहारा समूह पर ED की चार्जशीट: सुब्रत रॉय और परिवार मुख्य आरोपी

सहारा समूह की नई कानूनी चुनौतियाँ

सहारा समूह के खिलाफ करोड़ों निवेशकों के धन की धोखाधड़ी के मामले में एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लखनऊ की विशेष अदालत में इस मामले में चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में सहारा इंडिया के संस्थापक, दिवंगत सुब्रत रॉय और उनके परिवार के सदस्यों को मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया गया है, जो इस केस में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।


चार्जशीट में मुख्य आरोपी के रूप में सहारा समूह के पूर्व चेयरमैन सुब्रत रॉय, उनकी पत्नी स्वप्ना रॉय, और बेटे सीमांतो रॉय का नाम शामिल है, साथ ही समूह के अन्य अधिकारियों और कंपनियों का भी उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सुब्रत रॉय के परिवार के सदस्य वर्तमान में विदेश में हैं।


इस मामले की जड़ें सहारा समूह की दो कंपनियों द्वारा अवैध रूप से वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर (OFCDs) जारी करने से जुड़ी हैं, जिसके माध्यम से उन्होंने निवेशकों से भारी मात्रा में धन जुटाया। आरोप है कि सहारा ने सेबी के नियमों का उल्लंघन करते हुए लगभग 25,000 करोड़ रुपये की राशि इकट्ठा की थी।


जब सहारा समूह यह साबित नहीं कर सका कि यह धन किन निवेशकों का है, तब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें आदेश दिया कि वे निवेशकों का पैसा सेबी के पास जमा करें। ED की जांच में यह सामने आया कि इस धन को सहारा समूह की विभिन्न कंपनियों के माध्यम से हेरफेर कर मनी लॉन्ड्रिंग की गई और संपत्तियों की खरीद में इस्तेमाल किया गया।


चार्जशीट के बाद, सुब्रत रॉय के परिवार और सहारा समूह के अन्य अधिकारियों पर कानूनी कार्रवाई और भी सख्त हो सकती है, जिससे निवेशकों के धन की वापसी की संभावनाओं पर चर्चा फिर से तेज हो गई है।