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साउथ कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल की गिरफ्तारी वारंट जारी

साउथ कोरिया की राजधानी सियोल में पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल के खिलाफ एक अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह वारंट उनके द्वारा मार्शल लॉ लागू करने के प्रयास के लिए है। यून सुक येओल पर सबूतों को नष्ट करने का खतरा भी जताया गया है। इससे पहले भी उन्हें गिरफ्तार किया गया था, और यह उनकी दूसरी गिरफ्तारी है। जानें इस मामले में और क्या आरोप लगाए गए हैं और अदालत की कार्रवाई के बारे में।
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साउथ कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल की गिरफ्तारी वारंट जारी

सियोल में पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ वारंट

साउथ कोरिया के पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल: सियोल से एक महत्वपूर्ण समाचार आया है। यहां की अदालत ने पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह वारंट उनके द्वारा मार्शल लॉ लागू करने के प्रयास के लिए जारी किया गया है। अदालत के आदेश के अनुसार, उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि यून सुक येओल को इससे पहले भी गिरफ्तार किया गया था, और अब यह उनकी दूसरी गिरफ्तारी है।


सबूतों को नष्ट करने का खतरा

योनहाप समाचार एजेंसी के अनुसार, सियोल सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के सीनियर जज नाम से-जिन ने स्पेशल लॉयर चो यून-सुक द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। चो ने अदालत में यह चिंता जताई कि यून सुक येओल अपने खिलाफ सबूतों को नष्ट कर सकते हैं यदि उन्हें बाहर रहने दिया गया।


यून सुक येओल पर गंभीर आरोप

स्पेशल लॉयर चो यून-सुक ने यून सुक येओल पर पांच गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें 3 दिसंबर को मार्शल लॉ की घोषणा, राष्ट्रपति के प्रवक्ता को झूठे बयान जारी करने का आदेश देना, तीन आर्मी कमांडरों से फोन कॉल रिकॉर्ड हटाने का आदेश देना, और कैबिनेट सदस्यों के अधिकारों का उल्लंघन करना शामिल है। सुनवाई के दौरान यून सुक येओल और उनके वकील अदालत में उपस्थित रहे और उन्होंने सभी आरोपों को खारिज कर दिया। इसके बाद उन्हें सियोल हिरासत केंद्र में ले जाया गया।


यून सुक येओल की दूसरी गिरफ्तारी

इस वारंट के जारी होने के बाद यून सुक येओल को दूसरी बार गिरफ्तार किया गया है। पहले उन्हें जनवरी में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में अदालत ने उनकी गिरफ्तारी रद्द करने की अपील स्वीकार कर ली थी, जिसके बाद मार्च में उन्हें रिहा कर दिया गया था।