सिद्धू मूसेवाला की हत्या पर BBC की डॉक्यूमेंट्री: विवाद और कानूनी लड़ाई जारी

BBC की डॉक्यूमेंट्री पर बढ़ता विवाद
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या पर आधारित BBC की डॉक्यूमेंट्री 'द किलिंग कॉल' को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने इस डॉक्यूमेंट्री के खिलाफ आपत्ति जताते हुए इसकी रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग की थी। हालांकि, अदालत ने उनकी इस मांग को खारिज कर दिया और BBC ने इसे मूसेवाला के जन्मदिन, 11 जून को यूट्यूब पर जारी कर दिया।
कोर्ट ने दी सुनवाई की तारीख
बलकौर सिंह ने मंसा कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि डॉक्यूमेंट्री ने न केवल उनके परिवार की निजता का उल्लंघन किया है, बल्कि यह चल रही आपराधिक जांच पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इसके बावजूद, कोर्ट ने डॉक्यूमेंट्री पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया और अगली सुनवाई 12 जून को निर्धारित की गई।
परिवार की अनुमति के बिना डॉक्यूमेंट्री का निर्माण
बलकौर सिंह ने आरोप लगाया कि डॉक्यूमेंट्री में सिद्धू मूसेवाला के नाम, छवि और जीवन से जुड़े तथ्यों का उपयोग परिवार की अनुमति के बिना किया गया है। उन्होंने महाराष्ट्र पुलिस को भी इस मामले की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। उनका कहना है कि डॉक्यूमेंट्री में उनके बेटे की विरासत को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है।
यूट्यूब पर विवादों के बीच रिलीज
इस डॉक्यूमेंट्री की मूल स्क्रीनिंग मुंबई में 11 जून को होने वाली थी, लेकिन विवादों और कानूनी अड़चनों के कारण BBC ने इसे सीधे यूट्यूब पर जारी कर दिया। यह डॉक्यूमेंट्री दो भागों में है और इसका शीर्षक 'The Killing Call' है।
डॉक्यूमेंट्री की सामग्री
इस डॉक्यूमेंट्री में मूसेवाला के जीवन, उनके करियर, विवादों और हत्या की घटनाओं को दर्शाया गया है। BBC के अनुसार, "यह कहानी हमें पंजाब के गांवों से लेकर कनाडा के गैंगस्टर तक, और भारत की राजनीति से लेकर संगठित अपराध की दुनिया तक ले जाती है।" डॉक्यूमेंट्री में गोल्डी बरार का ऑडियो इंटरव्यू भी शामिल है, जिसने हत्या की जिम्मेदारी ली थी।
सिद्धू मूसेवाला की हत्या का मामला
सिद्धू मूसेवाला की 29 मई 2022 को मंसा, पंजाब में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उस समय वे बिना पुलिस सुरक्षा के यात्रा कर रहे थे और हमलावरों ने उन पर 30 से अधिक गोलियां चलाई थीं। मूसेवाला की हत्या ने देश और विदेश में बसे पंजाबी समुदाय में गहरा शोक फैला दिया। लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े गोल्डी बरार ने हत्या की जिम्मेदारी ली थी। NIA ने उसे "व्यक्तिगत आतंकवादी" घोषित किया है, लेकिन अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।