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सिनेमा का इतिहास: भारत में पहली फिल्म की प्रदर्शनी

7 जुलाई 1896 को भारत में सिनेमा की शुरुआत हुई, जब बॉम्बे में पहली बार 'चलचित्र' की प्रदर्शनी आयोजित की गई। इस दिन को याद करते हुए, जानें कि कैसे लुई और अगस्त लुमियर ने भारतीय सिनेमा की नींव रखी। 'अराइवल ऑफ ए ट्रेन' जैसी प्रारंभिक फिल्मों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुंबई आज दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री बन चुकी है। इस लेख में सिनेमा के इतिहास और उसकी विकास यात्रा के बारे में विस्तार से जानें।
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सिनेमा का इतिहास: भारत में पहली फिल्म की प्रदर्शनी

सिनेमा का आगाज़

एक समय ऐसा था जब किसी ने नहीं सोचा था कि फिल्में, वेब सीरीज और टीवी शो जैसी चीजें अस्तित्व में आएंगी। लेकिन समय के साथ, सिनेमा में भी बदलाव आया। आज के दिन, 7 जुलाई 1896 को, बॉम्बे के टाइम्स ऑफ इंडिया में एक विज्ञापन प्रकाशित हुआ था, जिसमें बताया गया था कि शाम को चार अलग-अलग समय पर लोग सिनेमा देख सकते हैं।


दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री

उस समय पैसे की बहुत अहमियत थी और हर शो का टिकट एक रुपये का था, जो उस समय के हिसाब से काफी बड़ी राशि थी। यह कोई साधारण सिनेमा नहीं था, बल्कि उपमहाद्वीप में 'चलचित्र' की पहली प्रदर्शनी थी। आज इसे हम 'फिल्म' के नाम से जानते हैं। वर्तमान में, मुंबई को दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म इंडस्ट्री माना जाता है, जहां हर साल हॉलीवुड से भी अधिक फिल्में बनाई जाती हैं।


'अराइवल ऑफ ए ट्रेन'

1896 में जब भारतीयों को पहली बार चार शो दिखाए गए, उस शाम 6 से 10 बजे तक चलने वाले शो में नाच-गाना, बेहतरीन संवाद और तेज़ एक्शन नहीं दिखाया गया। उस रात दिखाई गई फिल्म का नाम 'अराइवल ऑफ ए ट्रेन' था। आज के दर्शकों के मन में यह सवाल उठता है कि यह फिल्म किस प्रकार की थी।


सिनेमा की प्रारंभिक फिल्में

जब सिनेमा की शुरुआत हुई, तब इसी तरह की फिल्में प्रदर्शित की जाती थीं। प्रारंभ में, अधिकांश फिल्में एक ही घटना पर आधारित होती थीं। ये फिल्में आज की फिल्मों की तरह नहीं थीं, बल्कि उन रील्स की तरह थीं, जो पहले विश्व युद्ध के बाद कई वर्षों तक सिनेमाघरों में दिखाई जाती थीं।


लुई और अगस्त लुमियर

आप सोच रहे होंगे कि इन फिल्मों का निर्माण किसने किया था। तो आपको बता दें कि भारत में सिनेमा लाने वाले दो फ्रांसीसी भाई लुई और अगस्त लुमियर थे। लुई और अगस्त लुमियर की कंपनी सिनेमैटोग्राफी का नाम आज भी फिल्म निर्माण के क्षेत्र में प्रसिद्ध है।