Newzfatafatlogo

सीएम योगी ने महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने अंबेडकर के आदर्शों की महत्ता पर प्रकाश डाला और बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में चलाए जा रहे प्रयास उनके सिद्धांतों के अनुरूप हैं। योगी ने कहा कि अंबेडकर ने समाज में समानता और न्याय की नींव रखी, जो आज भी प्रासंगिक है।
 | 
सीएम योगी ने महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि

महापरिनिर्वाण दिवस पर श्रद्धांजलि

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर डॉ. भीमराव अंबेडकर को हजरतगंज, लखनऊ में डॉ. भीमराव अंबेडकर महासभा कार्यालय परिसर में श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भी डॉ. अंबेडकर को पुष्पांजलि दी। सीएम योगी ने इस कार्यक्रम में कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे बाबा साहेब अंबेडकर के आदर्शों के अनुरूप हैं, जो समानता, न्याय और भाईचारे पर आधारित हैं।'

महापरिनिर्वाण दिवस के कार्यक्रम में, सीएम योगी ने कहा, “मैं भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, साथ ही उन सभी लोगों को भी जो उनके प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं। आज का दिन हमें प्रेरणा देता है और याद दिलाता है कि बाबा साहेब ने किस प्रकार सामाजिक भेदभाव और कठिनाइयों को पार करते हुए लाखों लोगों को सम्मान के साथ जीने का अवसर प्रदान किया। यह महापरिनिर्वाण दिवस उनकी विरासत का सम्मान करता है।”

सीएम योगी ने आगे कहा, “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि बाबा साहेब अंबेडकर की शिक्षाओं से प्रेरित होकर, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देशभर में ऐसे अभियान चलाए जा रहे हैं। जब बाबा साहेब ने भारत का संविधान तैयार किया, तो उन्होंने इसकी प्रस्तावना में न्याय, समानता और भाईचारे जैसे महत्वपूर्ण शब्दों को शामिल किया। यदि हम इन तीन शब्दों पर ध्यान दें, तो प्रधानमंत्री मोदी ने सबका साथ और सबका विकास की भावना के साथ यह सुनिश्चित किया है कि बिना किसी भेदभाव के योजनाओं का लाभ हर गरीब, वंचित, दलित, पिछड़े, महिलाओं और युवाओं तक पहुंचे। यह सब उसी समानता, न्याय और भाईचारे के आदर्शों का हिस्सा है, जो बाबा साहेब ने संविधान की प्रस्तावना में प्रस्तुत किए थे।”