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सीतापुर में पत्रकार हत्याकांड में दो शूटरों का एनकाउंटर

सीतापुर में पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने दो वांछित शूटरों को मुठभेड़ में मार गिराया। यह घटना हरदोई-सीतापुर सीमा के पास हुई। पुलिस ने बताया कि दोनों शूटरों की पहचान राजू और संजय तिवारी के रूप में हुई है, जो पत्रकार की हत्या में शामिल थे। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पुलिस की कार्रवाई के बारे में।
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सीतापुर में पत्रकार हत्याकांड में दो शूटरों का एनकाउंटर

सीतापुर में पुलिस की बड़ी सफलता

सीतापुर समाचार: सीतापुर के पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या के मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है। पुलिस ने दो वांछित शूटरों को मुठभेड़ में मार गिराया। यह घटना हरदोई-सीतापुर सीमा के निकट पिसावां थाना क्षेत्र के दुल्लापुर तिराहा इलाके में हुई। मुठभेड़ के दौरान दोनों शूटर घायल हुए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।


बदमाशों की पहचान और इनाम

सीतापुर के एसपी अंकुर अग्रवाल ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों की पहचान राजू तिवारी और संजय तिवारी के रूप में हुई है। दोनों पर 1-1 लाख रुपये का इनाम था। एसपी ने कहा कि पुलिस को सुबह-सुबह सीतापुर-हरदोई सीमा पर इन अपराधियों की गतिविधियों की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस टीमें तुरंत सक्रिय हो गईं।


पुलिस की जवाबी कार्रवाई

अपर पुलिस अधीक्षक कार्यालय और STF के कर्मियों सहित कुल पांच संयुक्त टीमें बनाई गईं। पिसावां क्षेत्र में चेकिंग और तलाशी के दौरान, पुलिस ने दो बाइक सवार बदमाशों को देखा। जब पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, तो बदमाशों ने गोली चला दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसमें दोनों बदमाश घायल हो गए।


पत्रकार की हत्या का मामला

दोनों बदमाश महोली निवासी पत्रकार राघवेंद्र बाजपेयी की हत्या के मामले में वांछित थे। हाल ही में हुई इस हत्या ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया था। इससे पहले, पुलिस ने महोली स्थित कारदेव मंदिर के एक पुजारी सहित दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया था।


शूटरों का संबंध

जानकारी के अनुसार, राजू और संजय तिवारी सगे भाई थे और सीतापुर के मिश्रिख क्षेत्र के निवासी थे। प्रारंभिक जांच में उनके नाम सामने आए थे और बाद में पुष्टि हुई कि पत्रकार की हत्या में इन्हीं ने गोलियां चलाई थीं। पहले गिरफ्तार किए गए पुजारी ने पूछताछ में उनका नाम लिया था और बताया था कि उन्हें हत्या के लिए सुपारी दी गई थी। इन दोनों शूटरों के मारे जाने से पुलिस को विश्वास है कि मामले का एक बड़ा हिस्सा अब सुलझ गया है। अधिकारी यह जानने के लिए जांच कर रहे हैं कि क्या इस अपराध की योजना बनाने या उसे अंजाम देने में और लोग शामिल थे।