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सुकमा में महिलाओं ने CRPF के साथ मनाया रक्षाबंधन

छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में महिलाओं और छात्राओं ने CRPF के सुरक्षाकर्मियों के साथ रक्षाबंधन का त्योहार मनाया। इस कार्यक्रम में स्वामी आत्मानंद स्कूल के शिक्षक और छात्र शामिल हुए। सीआरपीएफ के अधिकारियों ने इस अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं और सुरक्षा का वचन दिया। जानें इस खास मौके पर क्या हुआ और रक्षाबंधन का महत्व क्या है।
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सुकमा में महिलाओं ने CRPF के साथ मनाया रक्षाबंधन

रक्षाबंधन का उत्सव

छत्तीसगढ़ समाचार: आज रक्षाबंधन के अवसर पर नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में महिलाओं और छात्राओं ने CRPF के सुरक्षाकर्मियों के साथ इस त्योहार का जश्न मनाया। यह कार्यक्रम CRPF की 74वीं बटालियन के परिसर में आयोजित किया गया, जहां स्वामी आत्मानंद स्कूल के शिक्षक और छात्र जवानों के साथ मिलकर इस खुशी के मौके का आनंद लिया।


सीआरपीएफ का संदेश

सीआरपीएफ इंस्पेक्टर महेंद्र बिष्ट ने इस अवसर पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा, 'मैं रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर सभी नागरिकों को बधाई देता हूं। आज, स्वामी आत्मानंद स्कूल के शिक्षक और छात्र हमारे साथ राखी मनाने के लिए एकत्रित हुए। इस मौके पर हमें अपनी बहनों की कमी महसूस न हो, इसके लिए उन्होंने हमारे साथ यह त्योहार मनाया। मैं उनकी सुरक्षा का वचन देता हूं। CRPF इस क्षेत्र में नक्सलवाद से लड़ने के लिए पहले से ही सक्रिय है...'


महिलाओं की भावनाएं


सीआरपीएफ का अभिवादन

इसी तरह की भावनाओं को व्यक्त करते हुए, सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कमलेश कुमार मीणा ने कहा, 'इस पावन अवसर पर, मैं सभी देशवासियों का अभिवादन करता हूं। हम इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र में तैनात हैं, इसलिए हम घर नहीं लौट सकते। हमारी स्थानीय बहनों ने आज हमारी कलाईयों पर राखी बांधकर इस कमी को पूरा किया है...'


रक्षाबंधन का महत्व

रक्षाबंधन एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है, जो भाई-बहन के बीच प्रेम और बंधन को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाईयों पर राखी बांधती हैं। इसके बदले में, भाई अपनी बहनों के प्रति प्रेम और देखभाल के प्रतीक के रूप में उपहार देते हैं। राखी सुरक्षा की भावना का प्रतीक है। रक्षा बंधन पर, भाई अपनी बहनों को किसी भी प्रकार के संकट से बचाने का वचन देते हैं।