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सुखी चहल की संदिग्ध मौत से भारतीय समुदाय में शोक की लहर

कैलिफोर्निया में भारतीय-अमेरिकी व्यवसायी सुखी चहल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है, जिससे भारतीय समुदाय में शोक की लहर है। चहल, जो खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के खिलाफ मुखर थे, की अचानक मृत्यु ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। चहल ने सामाजिक कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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सुखी चहल की संदिग्ध मौत से भारतीय समुदाय में शोक की लहर

सुखी चहल की अचानक मृत्यु

वॉशिंगटन डीसी/कैलिफोर्निया: कैलिफोर्निया में रहने वाले भारतीय-अमेरिकी व्यवसायी सुखी चहल की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई है। उनकी अचानक मौत ने भारतीय मूल के समुदाय में शोक की लहर पैदा कर दी है, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। चहल के करीबी मित्र जसपाल सिंह ने बताया कि 31 जुलाई की शाम सुखी को एक परिचित ने डिनर पर आमंत्रित किया था। भोजन के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई और मौके पर ही उनका निधन हो गया। जसपाल ने कहा कि सुखी चहल पूरी तरह स्वस्थ थे, जिससे उनकी अचानक मौत पर कई सवाल उठते हैं।


खालिस्तान विरोधी गतिविधियों के लिए जाने जाते थे चहल

Anti-Khalistan activist Sukhi Chahal dies in America, was receiving threats; Police engaged in investigation: सुखी चहल खालिस्तान समर्थक गतिविधियों के खिलाफ मुखर थे और 17 अगस्त को वॉशिंगटन डीसी में प्रस्तावित खालिस्तान रेफरेंडम का विरोध कर रहे थे। वे ‘द खालसा टुडे’ मीडिया नेटवर्क के संस्थापक और सीईओ थे और हाल ही में खालिस्तानी तत्वों की आलोचना के कारण उन्हें धमकियां मिल रही थीं। उनके एक अन्य मित्र बूटा सिंह कलेर ने बताया कि चहल की मृत्यु ने अमेरिका में भारत समर्थक समुदाय को गहरा झटका दिया है। उन्होंने कहा, “चहल सच्चाई के पक्षधर थे और धमकियों के बावजूद अपने विचारों पर अडिग रहे।”


पुलिस जांच और चहल का जीवन

कैलिफोर्निया पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और मौत के कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। अधिकारियों ने किसी भी एंगल को खारिज नहीं किया है। सुखी चहल का जन्म पंजाब के मानसा जिले में हुआ था और वे 1992 में अमेरिका चले गए थे। लुधियाना के गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद, उन्होंने स्टैनफोर्ड और यूसी बर्कले में प्रबंधन और कंप्यूटर साइंस से संबंधित विशेष कोर्स किए। उन्होंने सिलिकॉन वैली की कई प्रमुख कंपनियों में वरिष्ठ पदों पर कार्य किया।


सामाजिक कार्यों में सक्रिय

चहल ‘पंजाब फाउंडेशन’ नामक गैर-लाभकारी संस्था के संस्थापक और अध्यक्ष भी थे, जो गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए काम करती है। उन्होंने हिंदू, सिख और यहूदी समुदायों के बीच सांप्रदायिक एकता के लिए भी प्रयास किए। ‘द खालसा टुडे’ की रिपोर्ट के अनुसार, चहल भारत सरकार और अमेरिकी व्यापारिक नेताओं के साथ मिलकर भारत-अमेरिका के बीच रणनीतिक और आर्थिक रिश्तों को मजबूत करने में भी सक्रिय थे।