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सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वक्फ संशोधन बिल पर राजनीति में उबाल

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन बिल को खारिज करते हुए महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया, जिससे राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने इसे संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता की जीत बताया। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि इस बिल का असली उद्देश्य वक्फ की संपत्तियों को कब्जा करना था। जानें इस फैसले का राजनीतिक प्रभाव और संजय सिंह की प्रतिक्रिया।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले से वक्फ संशोधन बिल पर राजनीति में उबाल

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय और राजनीतिक प्रतिक्रिया

सोमवार को वक्फ संशोधन बिल पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह निर्णय संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता की विजय है।


भाजपा पर संजय सिंह का आरोप

संजय सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने गैर-संवैधानिक बिल लाकर संसद का समय बर्बाद किया और अब अदालत ने उनकी कोशिशों को विफल कर दिया है।


सुप्रीम कोर्ट का फैसला और उसके प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन बिल की कई धाराओं को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि वक्फ संपत्तियों के मामलों में निर्णय जिलाधिकारी नहीं, बल्कि वक्फ बोर्ड करेगा। अदालत ने यह भी कहा कि केंद्रीय वक्फ बोर्ड का सीईओ मुस्लिम समुदाय से होना चाहिए और बोर्ड में मुस्लिम सदस्यों की बहुमत होनी चाहिए।


अदालत ने यह प्रावधान भी गलत ठहराया कि केवल पांच साल तक मुस्लिम रीति-रिवाज मानने वाला व्यक्ति ही दान कर सकता है। संजय सिंह ने कहा कि यह निर्णय देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखे संविधान की आत्मा को मजबूत करता है।


मोदी सरकार पर संजय सिंह का हमला

संजय सिंह ने कहा कि इस बिल का असली उद्देश्य वक्फ की संपत्तियों को कब्जा कर उन्हें अडानी जैसे पूंजीपतियों को सौंपना था। उन्होंने बताया कि देशभर में वक्फ की संपत्तियां प्रमुख स्थानों पर हैं और सरकार इन्हें अपने 'दोस्तों' को औने-पौने दामों पर देना चाहती थी।


उन्होंने कहा कि भाजपा हिंदू-मुस्लिम मुद्दे पर राजनीति कर रही थी, लेकिन सबसे बड़ा नुकसान अडानी का हुआ है क्योंकि अदालत ने सरकार की योजना पर रोक लगा दी है।


विपक्ष की चिंताओं की अनदेखी

संजय सिंह ने याद दिलाया कि वक्फ संशोधन बिल पर बनी संसदीय कमेटी में वे स्वयं सदस्य थे। उन्होंने कहा कि भाजपा की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में विपक्षी दलों ने बार-बार सरकार को चेताया कि यह बिल संविधान के खिलाफ है, लेकिन सरकार ने किसी की नहीं सुनी।


बिल में जिलाधिकारियों को अनावश्यक शक्तियां दी गई थीं और धार्मिक स्वतंत्रता को सीमित करने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा कि यह केवल मुस्लिम समुदाय पर ही नहीं, बल्कि भविष्य में जैन मंदिरों, गुरुद्वारों और चर्चों पर भी लागू हो सकता था।


धर्म के नाम पर धंधा करने का आरोप

संजय सिंह ने भाजपा पर धर्म के नाम पर धंधा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा का उद्देश्य सभी धार्मिक संपत्तियों पर कब्जा कर उन्हें कारोबार के लिए पूंजीपतियों को सौंपना है। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय की 13 हजार एकड़ जमीन अडानी को दी जा चुकी है और अयोध्या में भी बड़े पैमाने पर जमीनें कब्जाई गई हैं।


उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला भाजपा की नफरत और कारोबार की राजनीति को बेनकाब करता है।