सुप्रीम कोर्ट ने यूट्यूब इन्फ्लुएंसर के खिलाफ शिकायतकर्ता को दी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण मामले में यूट्यूब इन्फ्लुएंसर के खिलाफ शिकायतकर्ता को राहत प्रदान की है। अदालत ने शिकायतकर्ता को गिरफ्तारी के डर से सुरक्षा दी है, जबकि मामले की विस्तृत सुनवाई की जाएगी। यह मामला सोशल मीडिया के युग में कानूनी लड़ाइयों की जटिलता को दर्शाता है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के पीछे की कहानी।
Jun 24, 2025, 13:49 IST
| सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण मामले में एक व्यक्ति को राहत प्रदान की है, जिसने एक प्रसिद्ध यूट्यूब इन्फ्लुएंसर के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। इस इन्फ्लुएंसर ने शिकायतकर्ता के खिलाफ एक प्रति-शिकायत दायर की थी, जिसमें उसे एक सार्वजनिक कर्मचारी को धमकाने और रिश्वत देने का आरोप लगाया गया था।न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अवकाश पीठ ने इस मामले की सुनवाई की। अदालत ने इन्फ्लुएंसर द्वारा दायर की गई एफआईआर को रद्द करने से इनकार कर दिया, लेकिन शिकायतकर्ता को यह आश्वासन दिया कि उसके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई, जैसे गिरफ्तारी, तब तक नहीं की जाएगी जब तक कि अंतिम आदेश नहीं आ जाता। यह आदेश शिकायतकर्ता को कानूनी प्रक्रिया के दौरान गिरफ्तारी के भय से बचाने के लिए दिया गया है।
यह मामला तब शुरू हुआ जब यूट्यूब इन्फ्लुएंसर को कथित तौर पर एक सार्वजनिक कर्मचारी के खिलाफ रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया था। शिकायतकर्ता ने इस मामले की शिकायत दर्ज की थी। इसके जवाब में, इन्फ्लुएंसर ने शिकायतकर्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसने सार्वजनिक कर्मचारी को धमकी दी और रिश्वत देने की पेशकश की।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जटिलता और दोनों पक्षों के दावों को ध्यान में रखते हुए, याचिका को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। इसका अर्थ है कि इस मामले पर आगे विस्तृत सुनवाई की जाएगी। अदालत ने कहा कि इस मामले में कई कानूनी मुद्दे शामिल हैं जिन पर विचार करने की आवश्यकता है।
वर्तमान में, सुप्रीम कोर्ट का यह अंतरिम आदेश शिकायतकर्ता के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है, क्योंकि यह उसे उत्पीड़न से बचाता है और यह सुनिश्चित करता है कि मामले की निष्पक्ष जांच हो सके। यह मामला दर्शाता है कि कैसे सोशल मीडिया के युग में कानूनी लड़ाइयाँ जटिल हो सकती हैं, और न्यायपालिका किस प्रकार हर व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा करती है।