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सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के बयान पर उठाए सवाल, क्या है उनके पास सबूत?

सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के भारतीय सेना पर दिए बयान को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने पूछा है कि क्या उनके पास इस बयान को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत हैं। जस्टिस दीपांकर दत्ता ने सवाल उठाया कि क्या एक सच्चा भारतीय ऐसा बयान दे सकता है। हालांकि, राहुल गांधी को कुछ राहत देते हुए कोर्ट ने उनके खिलाफ ट्रायल पर रोक लगा दी है। यह मामला सीमा सड़क संगठन के पूर्व निदेशक द्वारा दायर की गई याचिका से जुड़ा है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और कोर्ट के निर्णय के बारे में।
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सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के बयान पर उठाए सवाल, क्या है उनके पास सबूत?

सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा भारतीय सेना के बारे में दिए गए बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त की है। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से पूछा कि क्या उनके पास इस बयान को साबित करने के लिए कोई ठोस सबूत या दस्तावेज़ मौजूद हैं। यह सवाल जस्टिस दीपांकर दत्ता ने उस समय उठाया जब राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई चल रही थी, जिसमें उन्होंने निचली अदालत के समन को चुनौती दी थी।


क्या एक सच्चा भारतीय ऐसा बयान दे सकता है?

सुनवाई के दौरान जस्टिस दत्ता ने कहा कि यदि आप विपक्ष के नेता हैं, तो क्या आपको ऐसे बयान सोशल मीडिया पर देने चाहिए, या संसद में उठाने चाहिए? उन्होंने यह भी पूछा कि आपने कैसे मान लिया कि चीन ने 2000 वर्ग मीटर भारतीय क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया है? क्या आपके पास इसका कोई विश्वसनीय स्रोत या दस्तावेज़ है? कोर्ट ने यह भी कहा कि केवल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कोई भी व्यक्ति संवेदनशील राष्ट्रीय मुद्दों पर मनमाने ढंग से बयान नहीं दे सकता।


राहुल गांधी को मिली कुछ राहत

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को कुछ राहत देते हुए उनके खिलाफ ट्रायल पर फिलहाल रोक लगा दी है और इस मामले में नोटिस जारी कर तीन सप्ताह बाद अगली सुनवाई तय की है। इसका मतलब यह है कि कोर्ट इस मामले की गंभीरता को समझते हुए आगे जांच करना चाहती है, लेकिन साथ ही याचिकाकर्ता को भी जवाब दाखिल करने का अवसर दे रही है।


याचिका का संदर्भ

यह मामला एक आपराधिक याचिका से संबंधित है, जिसे सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने दायर किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने सार्वजनिक रूप से यह टिप्पणी की थी कि गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों की पिटाई की थी, जो देश की सेना का अपमान है।


इलाहाबाद हाईकोर्ट का निर्णय

इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राहुल गांधी को समन रद्द करने से इनकार करते हुए कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की भी सीमाएं होती हैं, और सेना जैसे संवेदनशील संस्थान को सार्वजनिक मंच पर इस प्रकार बदनाम नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि किसी जनप्रतिनिधि को बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए, विशेषकर जब मामला राष्ट्रीय सुरक्षा और सेनाओं के सम्मान से जुड़ा हो।