सुप्रीम कोर्ट ने वंतारा मामलों की जांच के लिए विशेष टीम का गठन किया

वंतारा मामलों की जांच के लिए SIT का गठन
Vantara Investigation : भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने वंतारा से संबंधित मामलों की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया है। इस टीम की अगुवाई पूर्व सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, न्यायमूर्ति जस्ती चेलमेश्वर करेंगे। यह निर्णय कई याचिकाओं और शिकायतों के आधार पर लिया गया है, जिनमें पर्यावरण, वन्यजीव संरक्षण और वित्तीय नियमों के उल्लंघन के आरोप शामिल हैं।
SIT के सदस्यों की सूची
• न्यायमूर्ति राघवेंद्र चौहान, जो उत्तराखंड और तेलंगाना उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं।
• हेमंत नागरले, आईपीएस, जो मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं।
• अनिश गुप्ता, आईआरएस, जो कस्टम्स के अतिरिक्त आयुक्त हैं।
SIT की जांच के दायरे में क्या होगा?
1. जानवरों की खरीद-फरोख्त
टीम यह पता लगाएगी कि वंतारा ने जानवरों, विशेषकर हाथियों, को कैसे और कहाँ से खरीदा है।
2. कानूनी अनुपालन
यह सुनिश्चित किया जाएगा कि क्या वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 और चिड़ियाघर से जुड़े नियमों का पालन किया गया है।
3. अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल
टीम यह भी देखेगी कि क्या वंतारा ने CITES और अन्य आयात-निर्यात कानूनों का सही पालन किया है।
4. जानवरों की देखभाल और कल्याण
जानवरों की देखभाल, पशु चिकित्सा सुविधाएं और कल्याण गतिविधियों का मूल्यांकन किया जाएगा।
5. पर्यावरणीय मुद्दे
साइट की जलवायु उपयुक्तता और नजदीकी औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े पर्यावरणीय चिंताओं की जांच होगी।
6. संग्रह और संरक्षण
टीम यह देखेगी कि क्या वंतारा में संरक्षण के नाम पर कोई गलत प्रथाएं हो रही हैं।
7. संसाधनों का दुरुपयोग
पानी के संसाधनों और कार्बन क्रेडिट योजनाओं के दुरुपयोग की भी जांच होगी।
8. वन्यजीव व्यापार
वन्यजीवों और व्यापार कानूनों के उल्लंघन, विशेषकर तस्करी की संभावना पर जांच की जाएगी।
9. वित्तीय जांच
वित्तीय गड़बड़ियों और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े आरोपों की समीक्षा की जाएगी।
10. अन्य संबंधित मामले
याचिकाओं में बताए गए या जांच के दौरान सामने आने वाले अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों को भी शामिल किया जाएगा।
SIT को दिए गए अधिकार
• SIT को याचिकाकर्ताओं, अधिकारियों, पत्रकारों और अन्य स्रोतों से जानकारी प्राप्त करने का अधिकार होगा।
• टीम अपनी जांच के दौरान जरूरत के अनुसार विषयों का विस्तार कर सकती है।
• केंद्र सरकार के ज़ू अथॉरिटी, CITES प्रबंधन प्राधिकरण, पर्यावरण मंत्रालय, गुजरात सरकार और उसके वन व पुलिस विभागों से सहयोग प्राप्त होगा.
विशेष जांच टीम की यह व्यापक जांच वंतारा से जुड़े पर्यावरणीय, वन्यजीव, और वित्तीय मामलों की पूरी छानबीन करेगी। इसका उद्देश्य सभी अनियमितताओं का पता लगाकर न्याय सुनिश्चित करना है।