Newzfatafatlogo

सुप्रीम कोर्ट ने वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदन की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया को मंजूरी दी है। इसके तहत आवश्यक दस्तावेज़ जैसे ड्राइविंग लाइसेंस और पासबुक भी जमा किए जा सकते हैं। चुनाव आयोग ने अदालत को सूचित किया कि 22 लाख वोटर मृत हैं और 7 लाख के नाम डुप्लीकेट हैं। कोर्ट ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि डुप्लीकेट नामों का क्या कारण है। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में और कैसे यह प्रक्रिया वोटरों के लिए सरल बनाएगी।
 | 
सुप्रीम कोर्ट ने वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदन की अनुमति दी

सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए ऑनलाइन आवेदन करने की अनुमति प्रदान की। इसके साथ ही, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि फॉर्म-6 में आवश्यक दस्तावेज़ जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक पासबुक, और पानी के बिल भी जमा किए जा सकते हैं।


इसके अतिरिक्त, चुनाव आयोग ने अदालत को सूचित किया कि 22 लाख वोटर मृत हैं और 7 लाख वोटर के नाम डुप्लीकेट हैं। इस पर अदालत ने कहा कि हम मानते हैं कि 22 लाख वोटर मृत हैं, लेकिन डुप्लीकेट नामों का क्या कारण है? चुनाव आयोग ने बताया कि यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे डुप्लीकेट ईपीआईसी को रोकें और जो लोग बिहार से बाहर ईपीआईसी रखते हैं, उनके नाम हटाने की प्रक्रिया करनी पड़ती है।


सुनवाई के दौरान, जस्टिस सूर्यकांत ने चुनाव आयोग से कई सवाल पूछे। उन्होंने टिप्पणी की कि राज्य की 12 राजनीतिक पार्टियों में से केवल 3 पार्टियां ही कोर्ट में उपस्थित हुई हैं। कोर्ट ने अपने 14 अगस्त के आदेश को दोहराते हुए कहा कि लोग अब ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और उन्हें व्यक्तिगत रूप से कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है।