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सुरक्षा व्यवस्था कड़ी, बाबरी मस्जिद ढहाने की वर्षगांठ पर अयोध्या में अलर्ट

बाबरी मस्जिद के ढहाए जाने की वर्षगांठ पर अयोध्या और उत्तर प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों में सुरक्षा को सख्त किया गया है। 6 दिसंबर को शौर्य दिवस और काला दिवस के अवसर पर पुलिस प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरती है। जानें इस दिन के महत्व और सुरक्षा उपायों के बारे में।
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सुरक्षा व्यवस्था कड़ी, बाबरी मस्जिद ढहाने की वर्षगांठ पर अयोध्या में अलर्ट

बाबरी मस्जिद ढहाने की वर्षगांठ पर सुरक्षा उपाय

नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद के ढहाए जाने की वर्षगांठ के अवसर पर अयोध्या, मथुरा और उत्तर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में सुरक्षा को सख्त किया गया है। अयोध्या और मथुरा के अलावा वाराणसी, लखनऊ, मेरठ, अलीगढ़, आगरा, कानपुर और प्रयागराज जैसे प्रमुख जिलों में भी सुरक्षा के उपाय बढ़ाए गए हैं। 6 दिसंबर 1992 को राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कारसेवकों ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया था।


अयोध्या में 4 दिसंबर से सुरक्षा चौकसी को बढ़ा दिया गया है और लगातार निगरानी रखी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर के पक्ष में निर्णय के बाद विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण हाल ही में पूरा हुआ है, जिसके चलते सुरक्षा एजेंसियां विशेष रूप से सतर्क हैं। अयोध्या के एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बताया कि सभी थानों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं। 4 दिसंबर से अतिरिक्त निगरानी की जा रही है और आज सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया जाएगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि आम जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।


मुख्यमंत्री योगी के निर्देशों के अनुसार, 6 दिसंबर को शौर्य दिवस/काला दिवस के संभावित घटनाक्रमों को देखते हुए अयोध्या और अवध क्षेत्र, विशेषकर प्रतापगढ़ में पुलिस प्रशासन को सतर्क किया गया है। आईपीएस प्रशांत राज सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा कर पुलिस बल को आवश्यक निर्देश दिए हैं।


एसएसपी ने बताया कि होटल, ढाबे, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं की निरंतर जांच की जा रही है। शहर की सीमाओं पर आने-जाने वाले वाहनों की जांच को बढ़ाया गया है। अयोध्या क्षेत्र में पैदल गश्त को तेज किया गया है और पुलिसकर्मियों को राम मंदिर मार्ग सहित संवेदनशील स्थानों पर सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि–शाही ईदगाह परिसर को संवेदनशील मानते हुए वहां ड्रोन से निगरानी रखी जा रही है।


हाल ही में दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट की घटना के बाद सुरक्षा के स्तर को और ऊंचा कर दिया गया है। 6 दिसंबर को कुछ हिंदू संगठन शौर्य दिवस और कई मुस्लिम समूह काला दिवस के रूप में मनाते हैं, जिससे यह दिन कानून-व्यवस्था के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बन जाता है।