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सूर्य ग्रहण 2025: भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन अन्य देशों में होगा अद्भुत नजारा

21 सितंबर 2025 को होने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में इसका अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। यह ग्रहण पितृपक्ष की सर्व पितृ अमावस्या के दिन होगा और इसकी अवधि लगभग 4 घंटे 24 मिनट होगी। जानें इस ग्रहण के बारे में और किन देशों में इसे देखा जा सकेगा।
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सूर्य ग्रहण 2025: भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन अन्य देशों में होगा अद्भुत नजारा

सूर्य ग्रहण 2025 का विवरण

सूर्य ग्रहण 2025: 21 सितंबर 2025 को इस वर्ष का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण होने जा रहा है। यह ग्रहण पितृपक्ष की सर्व पितृ अमावस्या के दिन आएगा, जिससे इसका धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है। हालांकि, यह ग्रहण रात में होने के कारण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। खगोल विज्ञान के दृष्टिकोण से, यह ग्रहण आंशिक होगा।


ग्रहण की अवधि और स्थिति

इस ग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे 24 मिनट होगी। यह कन्या राशि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में घटित होगा, जिसमें सूर्य का लगभग 85 प्रतिशत हिस्सा ढका रहेगा। हालांकि, भारत सहित कई देशों में इसे नहीं देखा जा सकेगा, लेकिन न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में यह आंशिक सूर्य ग्रहण स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।


भारत में ग्रहण का दृश्यता

क्या भारत में दिखेगा ग्रहण?


यह सूर्य ग्रहण रात 10:59 बजे से शुरू होकर 22 सितंबर की सुबह 3:23 बजे तक चलेगा। चूंकि यह रात में हो रहा है, इसलिए भारत में इसे कहीं से भी नहीं देखा जा सकेगा। इसी कारण से सूतक काल भी यहां प्रभावी नहीं होगा।


ग्रहण की दृश्यता के स्थान

ग्रहण कहां दिखाई देगा?


भारत को छोड़कर, यह ग्रहण न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका और प्रशांत महासागर के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। विशेष रूप से न्यूजीलैंड के दक्षिणी महासागरीय क्षेत्र में यह ग्रहण सबसे स्पष्ट रहेगा, जहां सूर्य का लगभग 85% हिस्सा ढक जाएगा।


ग्रहण की दृश्यता से वंचित देश

कौन से देश नहीं देख पाएंगे ग्रहण?


भारत, श्रीलंका, नेपाल, यूएई, अफगानिस्तान और एशिया के कई हिस्सों के अलावा, यूरोप, अफ्रीका, उत्तर और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश क्षेत्रों में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा।


आंशिक सूर्य ग्रहण के दृश्यता वाले शहर

कौन से शहरों में दिखेगा आंशिक सूर्य ग्रहण?


न्यूजीलैंड के वेलिंग्टन, ऑकलैंड, क्राइस्टचर्च, नॉरफ़ॉक द्वीप का किंग्स्टन, ऑस्ट्रेलिया का होबार्ट और सिडनी जैसे प्रमुख शहरों में लोग इस दुर्लभ नजारे का आनंद ले सकेंगे।


सूतक काल और सावधानियां

सूतक काल और सावधानियां


भारत में इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं है। लेकिन जहां यह ग्रहण दिखाई देगा, वहां सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले से प्रभावी रहेगा। सूतक के दौरान वृद्ध और बीमार लोगों को छोड़कर भोजन करने से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को नुकीली वस्तुओं के प्रयोग और फल-सब्जियां काटने जैसी गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।