सोनीपत में यमुना बाढ़ की तैयारी: प्रशासन ने उठाए ठोस कदम

यमुना का जलस्तर बढ़ने की आशंका
सोनीपत: हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी को सोनीपत तक पहुंचने में लगभग 30 घंटे लगेंगे। मंगलवार शाम को यमुना का जलस्तर बढ़ने की संभावना है, जिसके चलते जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। स्थानीय निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर पशुओं को ले जाने की सलाह दी गई है।
प्रशासन की तैयारियां
जिला प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए सिंचाई विभाग के 80 से अधिक कर्मचारियों को यमुना किनारे तैनात किया है। सभी की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। बाढ़ रोकने के लिए 80,000 बैग, पोकलेन, जेसीबी और अन्य उपकरण यमुना किनारे लाए जा रहे हैं। अधिकारियों का मानना है कि पबनेरा प्वाइंट पर कटाव की संभावना है, जिससे सतर्कता बढ़ा दी गई है।
यमुना में पानी का प्रवाह
फिलहाल यमुना में 50,000 क्यूसेक पानी बह रहा है, जो सामान्य स्तर से कम है। इस वर्ष सोनीपत में पिछले पांच सालों में सबसे अधिक बारिश हुई है। हथिनी कुंड बैराज से दोपहर दो बजे तक यमुना में लगभग 322,416 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो धीरे-धीरे सोनीपत की ओर बढ़ रहा है।
बाढ़ से निपटने की प्रशासनिक रणनीति
बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी की है। 80,000 बैग, 7 डीजल इंजन, 75 लाइफ जैकेट, 100 वाटरप्रूफ जैकेट, 13 नावें, 187 टॉर्च और 400 मीटर रस्सी यमुना किनारे पहुंचाई गई हैं। डीसी सुशील कुमार सारवान ने बताया कि सोमवार को 7 घंटे में 2,72,645 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। गांवों में मुनादी कराई जा रही है और ग्रामीणों के लिए ठहरने की व्यवस्था की जा रही है।
ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह
सिंचाई विभाग के एक्सईएन नितिन भट्ट ने बताया कि गांवों में मुनादी कराई गई है। लाउडस्पीकर के माध्यम से ग्रामीणों को यमुना किनारे नहीं जाने की चेतावनी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन हर स्थिति के लिए तैयार है और किसी को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।
किसानों की चिंताएं
यमुना किनारे के गांवों में कटाव शुरू हो गया है, जिससे किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। हलका विधायक देवेंद्र सिंह कादियान ने यमुना किनारे के गांवों का दौरा किया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कटाव वाले क्षेत्रों में पुख्ता प्रबंध किए जाएं।
पानी का प्रवाह
डीसी सुशील कुमार सारवान ने बताया कि सोमवार को हथिनी कुंड बैराज से 2,72,645 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। उन्होंने यमुना नदी के आस-पास मुनादी करवाने के आदेश दिए हैं ताकि कोई भी व्यक्ति यमुना बांध के अंदर न रहे। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे गांवों के सरपंचों और नंबरदारों के साथ मिलकर ग्रामीणों और पशुधन के ठहरने की व्यवस्था करें।