सोशल मीडिया पर विवाद: शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी ने बढ़ाई बहस

कोलकाता पुलिस ने शर्मिष्ठा को किया गिरफ्तार
सोशल मीडिया पर सक्रिय कंटेंट क्रिएटर शर्मिष्ठा पनोली को कोलकाता पुलिस ने हरियाणा के गुरुग्राम से गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी उस समय हुई जब उन्होंने एक वीडियो में 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बॉलीवुड सितारों की चुप्पी पर सवाल उठाया। उनकी इस टिप्पणी को सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाला माना गया। हालांकि, यह वीडियो अब इंस्टाग्राम से हटा दिया गया है, लेकिन तब तक यह वायरल हो चुका था और विवाद खड़ा कर चुका था।
वीडियो के बाद उत्पन्न हुआ विवाद
पुलिस के अनुसार, शर्मिष्ठा द्वारा साझा किया गया वीडियो इंटरनेट पर तीखी प्रतिक्रियाओं का कारण बना। हजारों यूज़र्स ने उन पर घृणा फैलाने का आरोप लगाया और उन्हें ट्रोल किया गया। कई कमेंट्स में उन्हें जान से मारने की धमकियां भी मिलीं। इसके बाद उन्होंने वीडियो को डिलीट कर दिया और सार्वजनिक रूप से माफी मांगी, लेकिन तब तक कोलकाता में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी थी।
गिरफ्तारी वारंट जारी होने की कहानी
अधिकारियों ने बताया कि शर्मिष्ठा और उनके परिवार को कानूनी नोटिस भेजने की कोशिश की गई, लेकिन जब उनका ठिकाना नहीं मिला, तो अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया। इसके बाद 31 मई को उन्हें गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया। उन्हें वहां की कोर्ट में पेश किया गया और ट्रांजिट रिमांड पर कोलकाता ले जाया गया।
शर्मिष्ठा पनोली का परिचय
22 वर्षीय शर्मिष्ठा पनोली पुणे की एक कानून की छात्रा हैं और सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर अपने विवादित वीडियो के बाद इंस्टाग्राम पर माफी मांगते हुए कहा कि उनका उद्देश्य किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुँचाना नहीं था। इसके बाद उन्होंने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट निजी कर लिया और बाकी सभी पोस्ट भी हटा दिए।
कानूनी धाराएँ जिनके तहत मामला दर्ज
कोलकाता पुलिस ने शर्मिष्ठा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं में मामला दर्ज किया है। इनमें शामिल हैं:
धारा 196(1)(ए) – विभिन्न समुदायों में दुश्मनी को बढ़ावा देना
धारा 299 – धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से कार्य करना
धारा 352 – जानबूझकर अपमान करना
धारा 353(1)(सी) – सार्वजनिक शरारत को उकसाने वाले बयान देना।
सोशल मीडिया पर बंटी राय
यह मामला अब सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। एक ओर जहाँ कुछ लोग #ReleaseSharmishta हैशटैग के साथ उनकी गिरफ्तारी को गलत ठहरा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर #ArrestSharmishta जैसे हैशटैग के ज़रिए कई लोग इस कार्रवाई को सही ठहरा रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि जन भावनाएँ इस मुद्दे पर स्पष्ट रूप से विभाजित हैं।