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स्मृति इरानी ने राहुल गांधी के प्रति नरम रुख अपनाया

बीजेपी की वरिष्ठ नेता स्मृति इरानी ने हाल ही में राहुल गांधी के प्रति अपने दृष्टिकोण में बदलाव किया है। उन्होंने कहा कि राहुल ने 2024 के चुनाव में अमेठी से नहीं लड़ा, इसलिए उन पर तीखे हमले करने की आवश्यकता नहीं है। इरानी ने राहुल की नई राजनीतिक शैली की सराहना की और कहा कि उनकी रणनीतियाँ अब अधिक सोच-समझकर उठाई जा रही हैं। इस बदलाव के साथ, राहुल ने भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे स्मृति के प्रति अपमानजनक भाषा का प्रयोग न करें। जानें इस बदलते राजनीतिक परिदृश्य के बारे में और अधिक।
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स्मृति इरानी ने राहुल गांधी के प्रति नरम रुख अपनाया

स्मृति इरानी का नया दृष्टिकोण

बीजेपी की प्रमुख नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने हाल ही में राहुल गांधी के प्रति अपने दृष्टिकोण में बदलाव किया है। उन्होंने इंडिया टुडे को दिए गए एक साक्षात्कार में बताया कि राहुल गांधी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से चुनाव नहीं लड़ा, इसलिए उन पर तीखे हमले करने की आवश्यकता नहीं समझी जा रही है।


इरानी ने कहा, “अगर वे चुनावी दौड़ में शामिल नहीं हो रहे हैं, तो मैं उनका पीछा क्यों करूं? उन्हें खींचने की कोई आवश्यकता नहीं है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राहुल का वलयाद (Wayanad) से चुनाव लड़ना एक लोकतांत्रिक दृष्टिकोण से उचित निर्णय था, न कि व्यक्तिगत चुनौती का संकेत।


इस बातचीत में इरानी ने राहुल गांधी की राजनीतिक शैली की सराहना की। उन्होंने कहा कि वह अब “अलग तरह की राजनीति” कर रहे हैं, चाहे वह जातीय मुद्दों पर बोलना हो या संसद में सफेद टी-शर्ट पहनकर युवाओं को संदेश देना। उन्होंने कहा कि राहुल की ये रणनीतियाँ सीधे पार्टी की योजना का हिस्सा हैं, जो उन्हें “काल्पनिक नहीं, बल्कि रणनीतिक” नेता के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रही हैं।


स्मृति ने यह भी कहा कि राहुल की तकनीकी चालें, जैसे टी-शर्ट पहनना और जातीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना, सोच-समझकर उठाए गए कदम हैं और इन्हें हल्के में नहीं लेना चाहिए।


यह नरम रुख उस समय सामने आया जब राहुल ने ट्वीट कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि स्मृति के प्रति “अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल” न करें और जोर देकर कहा कि “मानहानि कमजोरी की निशानी है।” इस संयम ने स्मृति के तेवर में बदलाव की स्थिति उत्पन्न की।