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स्वतंत्रता दिवस पर 1947 की महंगाई: एक रुपये की कीमत का सफर

इस स्वतंत्रता दिवस पर, जानें कि 1947 में एक रुपये की कीमत कितनी महत्वपूर्ण थी। उस समय आप एक रुपये में क्या-क्या खरीद सकते थे और आज के समय में उसकी तुलना कैसे की जा सकती है। यह लेख आपको 75 साल पहले की महंगाई और जीवनशैली की एक झलक देगा।
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स्वतंत्रता दिवस की तैयारी

इस वर्ष, भारत अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है। 15 अगस्त को देशभर में आज़ादी का यह पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। हर जगह देशभक्ति के गीत गूंजेंगे और लोग आज़ादी के रंग में रंगे नजर आएंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि स्वतंत्रता संग्राम के समय, यानी 1947 में, एक रुपये की कीमत कितनी महत्वपूर्ण थी? आइए जानते हैं कि उस समय एक रुपये में क्या-क्या खरीदा जा सकता था और आज के समय में उसकी कीमत से क्या मिल सकता है।


1947 में एक रुपये की ताकत: क्या खरीद सकते थे? 1947 में महंगाई की स्थिति को देखते हुए, एक रुपये की कीमत बहुत बड़ी हुआ करती थी। उस समय, आप एक रुपये में 1-2 किलो गेहूं, आधा किलो देसी घी, सब्जियां और एक हफ्ते का राशन खरीद सकते थे। चावल की कीमत उस समय केवल 12 पैसे प्रति किलो थी, आटे की कीमत 10 पैसे प्रति किलो और दाल 20 पैसे प्रति किलो थी। चीनी का दाम भी 40 पैसे प्रति किलो था। घी की कीमत 75 पैसे प्रति किलो थी, जिससे आप आसानी से आवश्यक घरेलू सामान एक रुपये में खरीद सकते थे।


महंगाई के और उदाहरण: अब देखते हैं कि अन्य चीजों के दाम उस समय क्या थे। 1947 में, जहां आजकल एक साइकिल की कीमत 10,000 से 12,000 रुपये तक हो सकती है, वहीं उस समय साइकिल की कीमत केवल 20 रुपये थी। वाहनों की बात करें तो स्कूटर, बाइक और कार उस समय बहुत महंगे होते थे और केवल रईसों या बड़े व्यापारियों के पास होते थे। इनकी कीमत उस समय की आमदनी से कहीं अधिक थी।


सोने, पेट्रोल और अन्य चीजों के दाम: यदि आप सोने के शौकीन थे, तो 1947 में 10 ग्राम सोने की कीमत 88.62 रुपये थी, जो आज लाखों रुपये तक पहुंच चुकी है। वहीं, पेट्रोल की कीमत उस समय महज 27 पैसे प्रति लीटर थी, जबकि आज वही पेट्रोल लगभग 100 रुपये प्रति लीटर बिकता है।