Newzfatafatlogo

हरियाणा CET नॉर्मलाइजेशन: हाई कोर्ट का फैसला, उम्मीदवारों को झटका

हरियाणा CET 2025 के नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले को चुनौती देने वाली याचिका को पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस निर्णय ने उम्मीदवारों को बड़ा झटका दिया है, क्योंकि कोर्ट ने नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को उचित और सटीक बताया। जानें इस फैसले का क्या प्रभाव पड़ेगा और उम्मीदवारों की उम्मीदें कैसे प्रभावित होंगी।
 | 
हरियाणा CET नॉर्मलाइजेशन: हाई कोर्ट का फैसला, उम्मीदवारों को झटका

हरियाणा CET नॉर्मलाइजेशन पर हाई कोर्ट का निर्णय

हरियाणा CET नॉर्मलाइजेशन: हाई कोर्ट ने नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले को दी मंजूरी, उम्मीदवारों के लिए बड़ा झटका! हरियाणा CET 2025 के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण अपडेट सामने आया है। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने CET के नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। हाल ही में CET 2025 के नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई हुई थी,


जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया। हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने इस याचिका को समय से पहले दायर किया गया बताया था, और अब न्यायालय के निर्णय ने उम्मीदवारों को बड़ा झटका दिया है। आइए इस मामले की पूरी जानकारी प्राप्त करते हैं।


नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला का महत्व


जस्टिस संदीप मौदगिल की पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला अपनाने का पूरा अधिकार है।


आपको यह जानकर अच्छा लगेगा कि 2022 में आयोजित CET का परिणाम भी इसी फॉर्मूले के आधार पर घोषित किया गया था। न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला मूल्यांकन के लिए एक सटीक और उचित प्रक्रिया है। न्यायालय ने यह भी कहा कि इस फॉर्मूले का प्रभाव परिणाम घोषित होने के बाद ही सही तरीके से समझा जा सकेगा। इस स्तर पर इसे चुनौती देना केवल काल्पनिक और जल्दबाजी का कदम है।


न्यायालय का कठोर दृष्टिकोण


उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत रिट अधिकार का उपयोग तभी किया जा सकता है जब कोई ठोस शिकायत हो। अभी तक नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूला CET 2025 के परिणाम पर लागू नहीं हुआ है, और याचिकाकर्ता कोई ठोस नुकसान साबित नहीं कर पाए हैं।


न्यायालय ने यह भी कहा कि आयोग को अपनी भर्ती प्रक्रिया में उपयुक्त नॉर्मलाइजेशन विधि चुनने का पूरा अधिकार है। ऐसी तकनीकी प्रक्रियाओं की न्यायिक समीक्षा बहुत सावधानी से की जानी चाहिए।


याचिका खारिज, उम्मीदवारों की उम्मीदों को झटका


न्यायालय ने स्पष्ट किया कि हस्तक्षेप तभी उचित है जब कोई मनमानी, दुर्भावना या स्पष्ट अवैधता साबित हो। लेकिन इस मामले में ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया।


न्यायालय ने याचिका को अपरिपक्व बताते हुए इसे खारिज कर दिया। इस निर्णय से उन उम्मीदवारों में निराशा है, जो नॉर्मलाइजेशन फॉर्मूले का विरोध कर रहे थे। अब सभी की निगाहें CET 2025 के परिणाम पर हैं, जो इस फॉर्मूले के आधार पर ही घोषित होगा।