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हरियाणा की जेलों में बच्चों के लिए नई सुविधा: 8 साल तक माताओं के साथ रहने की अनुमति

हरियाणा की जेलों में एक नई नीति लागू की गई है, जिसके तहत 8 साल तक के बच्चे अपनी माताओं के साथ रह सकेंगे। पहले यह अवधि 6 साल थी, जिसे बढ़ाकर 8 साल कर दिया गया है। इस निर्णय से उन बच्चों को राहत मिलेगी, जिनकी माताएं जेल में हैं। जेल विभाग बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए विशेष व्यवस्थाएं कर रहा है। जानें इस नई नीति के अन्य पहलुओं के बारे में।
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हरियाणा की जेलों में बच्चों के लिए नई सुविधा: 8 साल तक माताओं के साथ रहने की अनुमति

हरियाणा की जेलों में बच्चों के लिए नई नीति


हरियाणा की जेलों में अब 8 साल तक के बच्चे अपनी माताओं के साथ रह सकेंगे। पहले यह अवधि 6 साल थी, जिसे बढ़ाकर 8 साल कर दिया गया है। इस निर्णय की पुष्टि पुलिस महानिदेशक (जेल) आलोक राय ने की। उन्होंने बताया कि यह कदम उन बच्चों के लिए राहत लाएगा, जिनकी माताएं जेल में हैं और जिनका बाहर कोई सहारा नहीं है। अलगाव के कारण बच्चे अक्सर मानसिक तनाव का सामना करते हैं, लेकिन अब वे अपनी माताओं के साथ रहकर बेहतर मानसिक स्वास्थ्य का अनुभव करेंगे।


जेलों में बच्चों के लिए सुविधाएं

जेल विभाग बच्चों की शिक्षा और पोषण का ध्यान रखते हुए जेल परिसर में आवश्यक व्यवस्थाएं कर रहा है। हरियाणा की 17 जेलों में बच्चों के खेलने के लिए विशेष क्रैच बनाए गए हैं, जहां उनके खान-पान और स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाता है।


महिला कैदियों और उनके बच्चों की संख्या

हरियाणा की कुल 20 जेलों में से 17 में महिला वार्ड स्थापित हैं। वर्तमान में इन जेलों में 816 महिला कैदी हैं, जिनमें से 162 महिलाएं सजा काट रही हैं और 654 महिलाएं अंडर ट्रायल हैं। इन महिला कैदियों के साथ कुल 47 बच्चे हैं, जिनकी उम्र 6 साल तक है।


खुले जेलों में परिवार के साथ रहने की सुविधा

छोटे बच्चों को सप्ताह में एक बार जेल के मुख्य गेट से बाहर पार्कों में जाने की अनुमति दी जाती है, जहां वे महिला मुलाजिम की निगरानी में घूम सकते हैं। आलोक राय ने बताया कि हरियाणा में करनाल और फरीदाबाद में दो ओपन जेल खोली गई हैं, जहां कैदी अपने परिवार के साथ रह सकते हैं। करनाल में 30 फ्लैट और फरीदाबाद में 36 फ्लैट हैं।