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हरियाणा धान घोटाला 2020: करोड़ों के फर्जीवाड़े में तीन गिरफ्तार

हरियाणा में 2020 के धान घोटाले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपियों ने सरकारी पोर्टल पर फर्जी तरीके से भूमि का पंजीकरण कर धान बेचा। इस घोटाले में सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका भी जताई जा रही है। प्रशासन अब इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। जानें पूरी कहानी और प्रशासन की कार्रवाई के बारे में।
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हरियाणा धान घोटाला 2020: करोड़ों के फर्जीवाड़े में तीन गिरफ्तार

हरियाणा धान घोटाला 2020: तीन आरोपियों की गिरफ्तारी

हरियाणा धान घोटाला 2020: करोड़ों रुपये के फर्जीवाड़े में तीन गिरफ्तार, जानिए कैसे हुआ यह धोखा: (हरियाणा धान घोटाला 2020) ने एक बार फिर सरकारी तंत्र की कमजोरियों को उजागर किया है। फतेहाबाद की आर्थिक अपराध शाखा ने करोड़ों रुपये के धान के फर्जीवाड़े में तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में भूपिंद्र सिंह (बुर्ज), बलिहार सिंह (रतिया) और केवल सिंह (नन्हेड़ी) शामिल हैं। सभी को न्यायालय में पेश किया गया है।


प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि इन आरोपियों ने 2020 के खरीफ सीजन के दौरान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अन्य व्यक्तियों की भूमि का फर्जी पंजीकरण किया। इसके बाद, उन्होंने सरकारी खरीद एजेंसियों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर धान बेचा। (हरियाणा चावल खरीद घोटाला)


कैसे हुआ करोड़ों का फर्जीवाड़ा: हरियाणा धान घोटाला 2020


(हरियाणा धान धोखाधड़ी योजना) के तहत आरोपियों ने अन्य राज्यों से सस्ते दामों पर धान खरीदकर उसे हरियाणा में MSP दर पर बेचा। इस प्रक्रिया में उन्होंने सरकारी पोर्टल पर फर्जी भूमि पंजीकरण कर दिखाया कि धान स्थानीय किसानों का है। इससे सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।


जांच में यह भी सामने आया है कि इस घोटाले में मंडी समिति, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग और हरियाणा राज्य गोदाम निगम के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत की संभावना है। (हरियाणा मंडी समिति घोटाला)


जांच जारी, अन्य अधिकारियों की भूमिका पर ध्यान


आर्थिक अपराध शाखा के प्रभारी निरीक्षक संदीप कुमार ने बताया कि जांच अभी जारी है और अन्य संलिप्त व्यक्तियों की भूमिका की भी गंभीरता से जांच की जाएगी। संबंधित विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका पर भी नजर रखी जा रही है। (हरियाणा घोटाला अधिकारी)


यह मामला केवल आर्थिक अपराध नहीं है, बल्कि यह सरकार की योजनाओं को नुकसान पहुंचाने वाला कार्य भी है। प्रशासन अब इस घोटाले की गहराई में जाने की कोशिश कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। (हरियाणा कृषि धोखाधड़ी)