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हरियाणा नंबर प्लेट HR88B8888 की ₹1.17 करोड़ की बोली पर उठे सवाल, मंत्री ने जांच के दिए आदेश

हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने हाल ही में एचआर 88 बी 8888 नंबर प्लेट के लिए 1.17 करोड़ रुपये की बोली लगाने वाले व्यक्ति की संपत्ति की जांच के आदेश दिए हैं। यह कदम तब उठाया गया जब बोली लगाने के बाद व्यक्ति ने अपनी सुरक्षा राशि जब्त करवा दी। मंत्री ने कहा कि यह नीलामी केवल शौक नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का विषय है। जानें इस मामले में और क्या हुआ और मंत्री ने क्या निर्देश दिए हैं।
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हरियाणा नंबर प्लेट HR88B8888 की ₹1.17 करोड़ की बोली पर उठे सवाल, मंत्री ने जांच के दिए आदेश

बोली लगाने वाले की संपत्ति की होगी जांच



  • आयकर विभाग को भी लिखा जाएगा पत्र

  • मंत्री बोले – 'नीलामी में बोली लगाना शौक नहीं, जिम्मेदारी है'


चण्डीगढ़: हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने बताया कि हाल ही में एचआर 88 बी 8888 नंबर के लिए ऑनलाइन नीलामी में एक व्यक्ति ने 1 करोड़ 17 लाख रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई थी। लेकिन बोली लगाने के बाद उस व्यक्ति ने अपनी सुरक्षा राशि जब्त होने दी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उसकी आर्थिक क्षमता की जांच की जाएगी।


नीलामी में बोली लगाने का महत्व

मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राज्य में फैंसी और वीवीआईपी नंबरों की नीलामी होती है, जिसमें लोग बड़ी-बड़ी बोलियां लगाते हैं। यह न केवल प्रतिष्ठा का विषय है, बल्कि सरकार के राजस्व में भी योगदान देता है। हाल ही में एचआर 88 बी 8888 नंबर के लिए 1 करोड़ 17 लाख रुपये की बोली लगाई गई थी, लेकिन बोली लगाने के बाद उस व्यक्ति ने अपनी सुरक्षा राशि जब्त करवा दी। यह दर्शाता है कि बोली लगाना केवल शौक बनता जा रहा है।


आर्थिक क्षमता की जांच का आदेश

अनिल विज ने कहा कि उन्होंने परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिस व्यक्ति ने बोली लगाई, उसकी संपत्ति और आय की पूरी जांच की जाए। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि क्या वास्तव में उसकी आर्थिक क्षमता 1 करोड़ 17 लाख रुपये की बोली लगाने की है। इसके लिए आयकर विभाग को भी पत्र भेजा जाएगा।


ऑनलाइन नीलामी का विवरण

हाल ही में चरखी दादरी के बाढ़ड़ा उपमंडल में 'HR88B8888' नंबर के लिए ऑनलाइन नीलामी हुई थी। इस नंबर की नीलामी 1 करोड़ 17 लाख रुपये में हुई थी, जिसमें हिसार के एक व्यक्ति ने बोली लगाई थी और 11 हजार रुपये की सुरक्षा राशि जमा कराई थी, लेकिन बोली के पैसे जमा करवाने के अंतिम दिन उसने पैसे नहीं जमा किए।