हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में ऑपरेशन शील्ड 2025 की मॉक ड्रिल की तैयारी

ऑपरेशन शील्ड 2025: मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट की जानकारी
ऑपरेशन शील्ड 2025 की तैयारी: हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में 31 मई को एक मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट का आयोजन किया जाएगा। यह अभ्यास केंद्र सरकार द्वारा हवाई हमलों से सुरक्षा के लिए निर्धारित किया गया है। पहले यह ड्रिल 29 मई को होने वाली थी, लेकिन अब इसे स्थगित कर दिया गया है। इस दौरान सायरन बजेंगे और आपातकालीन तैयारियों की जांच की जाएगी। आइए, इस अभ्यास के बारे में विस्तार से जानते हैं।
ऑपरेशन शील्ड का उद्देश्य
ऑपरेशन शील्ड 2025 का मुख्य उद्देश्य आपात स्थितियों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना है। यह मॉक ड्रिल युद्ध या हवाई हमले जैसी परिस्थितियों में प्रतिक्रिया क्षमता का परीक्षण करेगी। प्रशासन, सुरक्षा बल और नागरिक मिलकर इस अभ्यास में भाग लेंगे। इसका लक्ष्य कमियों को पहचानकर सुधार करना है। सायरन सिग्नल और ब्लैकआउट के माध्यम से लोगों को संकट के समय सतर्क रहने की ट्रेनिंग दी जाएगी।
हरियाणा में सतर्कता का महत्व
हालांकि हरियाणा पाकिस्तान की सीमा से नहीं जुड़ा है, लेकिन पंजाब के छह जिले सीमा के निकट हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने सिरसा एयरबेस पर ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की थी, जो असफल रही। भारतीय सेना के एयर डिफेंस सिस्टम ने फतह-2 मिसाइल को नष्ट कर दिया था। अंबाला में भी ड्रोन अलर्ट जारी किया गया था। इन घटनाओं के कारण हरियाणा में सतर्कता आवश्यक है।
मॉक ड्रिल की तैयारी कैसे करें?
मॉक ड्रिल से पहले कुछ महत्वपूर्ण तैयारियां करें। रात को अपने फोन और पावर बैंक को चार्ज करें। बैटरी या सौर ऊर्जा से चलने वाली टॉर्च और रेडियो तैयार रखें। वैध आईडी कार्ड और आपातकालीन किट में पानी, सूखा भोजन और दवाइयां रखें। सायरन सिग्नल को समझें—लंबा सायरन खतरे का संकेत है, जबकि छोटा सायरन सब कुछ ठीक होने का संकेत है। परिवार के साथ ब्लैकआउट की प्रैक्टिस करें और सुरक्षित तहखाने की पहचान करें।
ब्लैकआउट के दौरान सावधानियां
31 मई को ब्लैकआउट के दौरान घर के अंदर रहें। खिड़कियों से दूर रहें और मोटे पर्दे का उपयोग करें। यदि आप गाड़ी चला रहे हैं, तो लाइट बंद कर किनारे रुकें। बिजली और गैस उपकरण बंद करें। फोन या LED डिवाइस का उपयोग खिड़कियों के पास न करें। बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल करें। सोशल मीडिया पर अफवाहें न फैलाएं। पुलिस (112), फायर ब्रिगेड (101) और एम्बुलेंस (120) के नंबर नोट करें।
ड्रिल के बाद क्या करें?
मॉक ड्रिल समाप्त होने तक सामान्य गतिविधियों को शुरू न करें। बच्चों और बुजुर्गों को बताएं कि यह केवल एक अभ्यास था। अस्पताल और नर्सिंग होम्स को छूट है, लेकिन उन्हें भी खिड़कियां ढकने की सलाह दी गई है। यह अभ्यास लोगों को आपात स्थिति में दहशत से बचाने के लिए है। आधिकारिक अपडेट के लिए रेडियो या टीवी देखें। ऑपरेशन शील्ड 2025 सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।