हरियाणा में किसानों के लिए खाद की नई आपूर्ति प्रक्रिया

हरियाणा के किसानों के लिए राहत की खबर
Farmers News: DAP-urea will be available before 31st July, know the process of portal:
हरियाणा के किसानों के लिए एक सकारात्मक सूचना आई है, जो खाद की कमी का सामना कर रहे हैं। राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि 31 जुलाई से पहले डीएपी और यूरिया की आपूर्ति शुरू हो जाएगी, जो कि एक विशेष पोर्टल के माध्यम से होगी।
फसल विवरण के साथ खाद की आवश्यकता दर्ज करें
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि किसानों को अपनी फसल का विवरण "मेरी फसल-मेरा ब्योरा" पोर्टल पर दर्ज करने के समान ही खाद की आवश्यकता भी दर्ज करनी होगी।
खाद की मांग और आपूर्ति की स्थिति
राज्य सरकार ने माना है कि वर्तमान में खाद की मांग अधिक है जबकि आपूर्ति सीमित है। किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराने के लिए पोर्टल पर परीक्षण चल रहा है, जिससे वितरण में सुधार होगा और बिचौलियों की भूमिका कम होगी।
सहकारी समितियों को बढ़ा हिस्सा
सहकारी समितियों को मिलेगा ज़्यादा हिस्सा (fertilizer distribution haryana) Farmers News
कृषि मंत्री ने बताया कि सहकारी समितियों को पहले मिलने वाले 40% खाद की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 50% किया जा रहा है। शेष हिस्सा निजी दुकानदारों और आढ़तियों को दिया जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि यूरिया और डीएपी की रेलगाड़ियों के माध्यम से निरंतर आपूर्ति हो रही है।
बारिश के मौसम में खाद की मांग
बारिश के मौसम में खाद की मांग में वृद्धि होती है, जिसके कारण अक्सर लंबी कतारें देखने को मिलती हैं। सरकार ने आश्वासन दिया है कि इन समस्याओं का समाधान जल्द किया जाएगा, जिससे किसान आसानी से पोर्टल पर अपनी मांग दर्ज कर सकें।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष ने साधा निशाना, किसानों का विरोध जारी (political reaction fertilizer issue)
सरकार की योजना पर विपक्षी नेताओं ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता भूपेंद्र हुड्डा का कहना है कि किसानों को अभी खाद की आवश्यकता है, न कि 15 दिन बाद। वहीं INLD के अभय चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार के आने के बाद से यूरिया की उपलब्धता में संकट बना हुआ है। खाद काले बाजार में बिक रही है और जमाखोरी पर कोई नियंत्रण नहीं है।
किसानों की समस्याएं
हाल ही में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें किसान सहकारी समिति के बाहर भजन-कीर्तन करते हुए खाद की मांग कर रहे थे। यह दर्शाता है कि खाद की कमी ने किसानों को गंभीर समस्याओं में डाल रखा है और सरकार को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है।