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हरियाणा में कुम्हार समाज को दी गई जमीन, अवैध कब्जे हटाने की प्रक्रिया शुरू

हरियाणा में कुम्हार समाज को दी गई भूमि पर अवैध कब्जे की समस्या सामने आई है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में संज्ञान लिया है और प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है। जानें कैसे सरकार कुम्हारों को हाईटेक उपकरण और भूमि आवंटित कर रही है, और अवैध कब्जे को हटाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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हरियाणा में कुम्हार समाज को दी गई जमीन, अवैध कब्जे हटाने की प्रक्रिया शुरू

हरियाणा में कुम्हार समाज को जमीन आवंटन

हरियाणा समाचार: हरियाणा सरकार ने कुम्हार समुदाय के सदस्यों को गांवों में भूमि आवंटित की है, जहां वे मिट्टी के बर्तन बनाने का कार्य कर सकते हैं। हालांकि, इन भूमि पर अवैध कब्जे हो गए हैं। इस मामले की शिकायत पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है और हरियाणा के मुख्य सचिव तथा जिला आयुक्त को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद प्रशासन ने अवैध कब्जे वाली भूमि की पहचान करने का कार्य शुरू कर दिया है।


एक से पांच एकड़ तक की भूमि का आवंटन

सूत्रों के अनुसार, कुम्हार समाज ने शिकायत की थी कि पंचायत द्वारा दी गई भूमि पर कुछ स्थानीय लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है, जिससे वे मिट्टी के बर्तन बनाने में असमर्थ हैं। 1966 में चकबंदी के दौरान, सरकार ने गोचर भूमि के तर्ज पर एक से पांच एकड़ तक की भूमि मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए आवंटित की थी।


कहाँ-कहाँ दी गई भूमि

यह भूमि गुरुग्राम के फरखनगर, सोहना, झज्जर, नारनौल, और चरखीदादरी सहित कई जिलों में दी गई थी। अवैध कब्जे के कारण प्रजापति समाज के सदस्यों को अपने कार्य के लिए अन्य स्थानों की तलाश करनी पड़ी है।


सरकार की योजनाएँ

वास्तव में, राज्य सरकार गुजरात मॉडल पर आधारित योजना को हरियाणा में लागू करने की योजना बना रही है, जिसके तहत कुम्हारों को हाईटेक उपकरण जैसे सोलर और इलेक्ट्रिक चाक प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए हर गांव में 5 एकड़ भूमि आरक्षित की गई है।