हरियाणा में टैबलेट्स पर इंटरनेट सेवा समाप्त: छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई पर असर

हरियाणा में टैबलेट्स पर इंटरनेट सेवा समाप्त
हरियाणा टैबलेट योजना: छात्रों के लिए इंटरनेट सेवा का अंत
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे लाखों छात्रों के लिए एक नई चुनौती सामने आई है। राज्य शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें बताया गया है कि अब टैबलेट्स में मुफ्त इंटरनेट की सुविधा समाप्त कर दी गई है।
सत्र 2025-26 से, छात्रों को अपनी ऑनलाइन शिक्षा के लिए खुद इंटरनेट डेटा खरीदना होगा। यह निर्णय उन बच्चों के लिए कठिनाई पैदा कर सकता है, जो पहले सरकार द्वारा दिए गए मुफ्त 2 जीबी डेटा पर निर्भर थे। आइए, इस स्थिति को विस्तार से समझते हैं और देखते हैं कि इसका छात्रों और उनके परिवारों पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
नोटिस में क्या कहा गया है?
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को एक नोटिस भेजा है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सत्र 2025-26 के लिए टैबलेट्स में मुफ्त इंटरनेट उपलब्ध नहीं होगा। पहले, सरकार हर छात्र को प्रतिदिन 2 जीबी डेटा मुफ्त में देती थी, जिससे वे पल सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते थे।
अब, छात्रों को या तो अपने खर्च पर डेटा खरीदना होगा या फिर स्कूलों में उपलब्ध ब्रॉडबैंड का उपयोग करना होगा। हालांकि, स्कूलों में ब्रॉडबैंड की उपलब्धता और उसकी गति भी एक बड़ा प्रश्न है। इस निर्णय से उन परिवारों पर भारी बोझ पड़ सकता है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और डेटा खरीदने में असमर्थ हैं।
पल सॉफ्टवेयर: बच्चों के लिए सरल समाधान
हरियाणा सरकार ने कुछ साल पहले व्यक्तिगत अनुकूली शिक्षण को बढ़ावा देने के लिए पल सॉफ्टवेयर की शुरुआत की थी। इस पहल के तहत, राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 5 लाख से अधिक छात्रों को टैबलेट्स वितरित किए गए।
इन टैबलेट्स में पल प्लेटफॉर्म पहले से इंस्टॉल था, जो बच्चों को उनकी गति और जरूरत के अनुसार सीखने में मदद करता था। मुफ्त इंटरनेट की सुविधा ने इस पहल को और प्रभावी बनाया, क्योंकि बच्चे बिना किसी अतिरिक्त खर्च के ऑनलाइन कक्षाओं, वीडियो लेक्चर्स और शैक्षिक सामग्री तक पहुंच सकते थे। लेकिन अब, जब टैबलेट्स का इंटरनेट समाप्त हो गया है, तो कई छात्रों के लिए यह सुविधा बेकार हो सकती है।
ई-अधिगम टैबलेट परियोजना: क्या सपना अधूरा रह जाएगा?
साल 2022 में शुरू हुई ई-अधिगम टैबलेट परियोजना का उद्देश्य 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों को आधुनिक तकनीक से जोड़ना था।
इस परियोजना के तहत, छात्रों को एकीकृत पल समाधान के साथ टैबलेट्स दिए गए, जो उनकी पढ़ाई को आसान और रोचक बनाते थे। लेकिन अब, मुफ्त इंटरनेट की सुविधा समाप्त होने से यह परियोजना अपने उद्देश्य से भटकती नजर आ रही है। कई अभिभावकों का कहना है कि उनके लिए हर महीने डेटा खरीदना आसान नहीं है। ऐसे में, ये टैबलेट्स बेकार हो सकते हैं और बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई का सपना अधूरा रह सकता है।
आगे का रास्ता क्या है?
इस निर्णय ने न केवल छात्रों, बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों के सामने भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। स्कूलों में ब्रॉडबैंड की सुविधा को एक विकल्प बताया जा रहा है, लेकिन क्या सभी स्कूलों में यह सुविधा उपलब्ध है? क्या यह ब्रॉडबैंड इतना तेज होगा कि सैकड़ों बच्चे एक साथ पल सॉफ्टवेयर का उपयोग कर सकें? दूसरी ओर, सरकार से अपील की जा रही है कि वह इस निर्णय पर पुनर्विचार करे और कम से कम आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए मुफ्त इंटरनेट की सुविधा को जारी रखे।
यह बदलाव हरियाणा के सरकारी स्कूलों के भविष्य को कैसे प्रभावित करेगा, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन इतना तय है कि अगर बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई को आसान करना है, तो सरकार, स्कूल और अभिभावकों को मिलकर एक ठोस रणनीति बनानी होगी। क्या आपके पास इस समस्या का कोई समाधान है? अपनी राय हमारे साथ जरूर साझा करें!