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हरियाणा में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए विशेष योजना की शुरुआत

हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम, मानेसर और फरीदाबाद के लिए ठोस कचरा प्रबंधन की विशेष योजना की शुरुआत की है। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल ने इस योजना के तहत नई योजनाओं का विकास करने की बात कही है। एनसीआर क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सरकार ने इन शहरों के लिए अलग कार्ययोजना तैयार की है। मंत्री ने सफाई एजेंसियों को भरोसा दिलाया है कि परियोजनाओं में किसी भी प्रकार की अदायगी में देरी नहीं होगी। इसके अलावा, नगर निगमों में कमिश्नर का पद अब खाली नहीं रहेगा, जिससे कार्य संचालन में सुचारुता बनी रहेगी।
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हरियाणा में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए विशेष योजना की शुरुआत

सरकार ने ठोस कचरा प्रबंधन की विशेष योजना शुरू की


हरियाणा के गुरुग्राम, मानेसर और फरीदाबाद को साफ करने के लिए सरकार ने ठोस कचरा प्रबंधन की विशेष योजना की शुरुआत की है। शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल ने इन तीन जिलों में इस योजना पर कार्य प्रारंभ कर दिया है।


ठोस कचरा प्रबंधन के लिए नई योजनाओं का विकास किया जा रहा है। हाल ही में चंडीगढ़ में 42 एजेंसियों के साथ इस विषय पर एक बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें मंत्री गोयल, आयुक्त विकास गुप्ता और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।


एनसीआर क्षेत्र में सरकार का ध्यान

विपुल गोयल ने बताया कि हरियाणा में सफल निविदा प्रक्रिया के बाद इन एजेंसियों को राज्य सरकार के साथ काम करने का एक नया अनुभव मिलेगा। एनसीआर क्षेत्र पर सरकार का ध्यान केंद्रित है, इसलिए इन तीन जिलों के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई गई है।


इन शहरों के लिए अलग से प्रस्ताव अनुरोध दस्तावेज तैयार किए जाएंगे।


अदायगी में कोई देरी नहीं

मंत्री गोयल ने सफाई एजेंसियों को आश्वासन दिया कि परियोजनाओं के तहत किसी भी प्रकार की अदायगी में कोई देरी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सरकार हर स्तर पर एजेंसियों के साथ सहयोग करेगी और उनके द्वारा दिए गए सुझावों को आगामी आरएफपी में शामिल किया जाएगा।


कमिश्नर का पद अब खाली नहीं रहेगा

हरियाणा में ठोस कचरा प्रबंधन के लिए विशेष योजना की शुरुआत
निगमों में खाली नहीं रहेगा कमिश्नर का पद, डीसी को लिंक अधिकारी बनाया।


हरियाणा में नगर निगमों में अब कमिश्नर का पद खाली नहीं रहेगा। सरकार ने सुनिश्चित किया है कि संबंधित जिले के उपायुक्त को नगर निगम आयुक्त का लिंक अधिकारी नामित किया जाएगा।


मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यदि किसी नगर निगम आयुक्त का पद रिक्त रहता है, तो संबंधित उपायुक्त उस निगम के कार्यों का संचालन करेगा।