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हरियाणा में पत्रकारों के लिए कैशलेस स्वास्थ्य योजना की मांग

हरियाणा में मीडिया वेल बिंग एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से मिला और पत्रकारों के लिए कैशलेस स्वास्थ्य योजना की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन में कहा कि राजस्थान की तर्ज पर हरियाणा में भी पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य योजना बनाई जाए, जिससे उन्हें सालाना 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिल सके। जानें इस बैठक में और क्या चर्चा हुई और संगठन की अन्य मांगें क्या हैं।
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हरियाणा में पत्रकारों के लिए कैशलेस स्वास्थ्य योजना की मांग

सीएम नायब सैनी से मिला एम डब्ल्यू बी का प्रतिनिधिमंडल


(चंडीगढ़ समाचार) चंडीगढ़। मीडिया वेल बिंग एसोसिएशन (रजिस्टर्ड) के उत्तर भारत के अध्यक्ष चंद्र शेखर धरणी के नेतृत्व में एम डब्ल्यू बी का एक प्रतिनिधिमंडल हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से संत कबीर कुटीर में मिला। इस बैठक में, प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मीडिया के लिए कैशलेस स्वास्थ्य नीति को तुरंत लागू करने की मांग की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को इसे शीघ्र कार्यान्वित करने का निर्देश दिया।


ज्ञापन में यह भी कहा गया कि हरियाणा सरकार को राजस्थान सरकार की तरह अधिस्वीकृत पत्रकारों और उनके परिवारों के लिए एक नई स्वास्थ्य योजना बनानी चाहिए, जिससे उन्हें हर साल 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिल सके। इस प्रतिनिधिमंडल में नारायणगढ़, बाबैन और आसपास के प्रमुख पत्रकार शामिल थे।


यह ध्यान देने योग्य है कि राजस्थान सरकार ने अधिस्वीकृत पत्रकारों और उनके परिवारों के लिए एक नई स्वास्थ्य योजना की घोषणा की है, जिसके तहत उन्हें हर साल 10 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने इस संबंध में "राजस्थान पत्रकार स्वास्थ्य योजना" (आरजेएचएस) की अधिसूचना जारी की है। इस योजना का औपचारिक शुभारंभ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 28 मार्च 2024 को भीलवाड़ा में किया था।


संस्था पत्रकारों की आर्थिक मदद भी करती है


धरणी ने बताया कि एम डब्ल्यू बी पत्रकारों और उनके परिवारों को गंभीर बीमारियों के दौरान आर्थिक सहायता प्रदान करती है। यह संगठन बिना किसी शुल्क के पत्रकारों के लिए 10 लाख रुपये के एक्सिडेंटीयल और टर्म इंश्योरेंस की व्यवस्था करता है। यह संगठन केवल हरियाणा में ही नहीं, बल्कि उत्तर भारत के कई राज्यों में भी सक्रिय है।


धरणी ने कहा कि एम डब्ल्यू बी का गठन कोरोना काल में पत्रकारों के सामने आए संकटों को देखते हुए किया गया था। संगठन की मांग है कि पत्रकारों की पेंशन को बढ़ाकर 30 हजार रुपये प्रतिमाह किया जाए। इसके अलावा, हरियाणा में 20 साल से अधिक समय से सक्रिय पत्रकारों को भी पेंशन का लाभ मिलना चाहिए।