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हरियाणा में पशु चिकित्सा सेवाओं पर हाईकोर्ट का सख्त आदेश

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में पशु चिकित्सा सेवाओं के संचालन पर कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने पाया कि कई झोलाछाप डॉक्टर बिना उचित प्रशिक्षण के गंभीर चिकित्सा कार्य कर रहे हैं। राज्य सरकार को 30 दिनों के भीतर कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। यह निर्णय न केवल पशु सुरक्षा के लिए, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य और राज्य की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और कोर्ट के आदेश के पीछे की वजह।
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हरियाणा में पशु चिकित्सा सेवाओं पर हाईकोर्ट का सख्त आदेश

हरियाणा में पशु चिकित्सा सेवाओं पर सख्त कार्रवाई

हरियाणा में पशु चिकित्सा सेवाओं पर हाईकोर्ट का सख्त रुख: 30 दिनों में कार्रवाई का आदेश! राज्य में पशु चिकित्सा सेवाओं के संचालन को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। अदालत ने पाया कि कई (veterinary fake doctors Haryana) ऐसे चिकित्सक हैं जो बिना उचित प्रशिक्षण के गंभीर चिकित्सा कार्य कर रहे हैं।


मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति संजीव बेरी ने यह आदेश हरियाणा पशु चिकित्सक महासंघ द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद जारी किया। सुनवाई के दौरान, अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह झोलाछाप (Jhola chhap veterinary Haryana) डॉक्टरों के खिलाफ 30 दिनों के भीतर कार्रवाई सुनिश्चित करे।


अव्यवस्था का कारण: निरीक्षण की कमी और वीएलडीए


याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि राज्य में हजारों (livestock assistants Haryana) ऐसे लोग हैं जो बिना वैध निगरानी के चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, जो (veterinary council act) की धारा 30 का उल्लंघन है।


एक पशु चिकित्सक को 30-40 किमी के दायरे में कई डिस्पेंसरियों की देखरेख करनी होती है, जिससे प्रभावी निगरानी असंभव हो जाती है। इसी कारण (illegal veterinary Haryana) सेवाएं बढ़ रही हैं, जिससे पशुओं के जीवन और (livestock economy Haryana) पर खतरा उत्पन्न हो रहा है।


कोर्ट का निर्णायक आदेश: 30 दिनों में ठोस कार्रवाई


याचिकाकर्ता ने पहले भी कई बार शिकायतें की थीं, लेकिन प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। अब हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार, राज्य सरकार को 18 जून 2018 को भेजे गए ज्ञापनों पर विचार कर स्पष्ट निर्णय लेना होगा।


यह निर्देश न केवल पशु सुरक्षा बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य और राज्य की अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह आदेश दर्शाता है कि (HC directive Haryana) अब ऐसे मामलों में गंभीरता से हस्तक्षेप कर रहा है।