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हरियाणा में बारिश और ओलावृष्टि से मिली राहत, लेकिन गर्मी की वापसी की चेतावनी

हरियाणा में हाल ही में मौसम में बदलाव आया है, जिससे कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि हुई है। यह बदलाव गर्मी से राहत प्रदान करता है, लेकिन मौसम विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि 6 जून से तापमान फिर से बढ़ सकता है। हिसार में ओलावृष्टि ने तापमान को कम किया, जबकि सिरसा में जलभराव और बिजली आपूर्ति में बाधा आई। किसानों के लिए यह मौसम मिश्रित प्रभाव लाता है, और नागरिकों को IMD के अपडेट्स पर ध्यान देने की सलाह दी गई है।
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हरियाणा में बारिश और ओलावृष्टि से मिली राहत, लेकिन गर्मी की वापसी की चेतावनी

हरियाणा में मौसम का बदलाव

हरियाणा में मौसम ने अचानक बदलाव किया है, जिससे कई जिलों में बारिश और ओलावृष्टि ने गर्मी से राहत प्रदान की है।


गुरुवार सुबह हिसार में तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई, जबकि सिरसा और नारनौल समेत अन्य क्षेत्रों में भी वर्षा देखी गई। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह परिवर्तन पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हुआ है। हालांकि, 6 जून से हवाओं के दिशा में बदलाव के कारण मौसम फिर से शुष्क हो सकता है, जिससे तापमान में वृद्धि की संभावना है। सिरसा में बारिश ने बिजली आपूर्ति को बाधित किया और कई स्थानों पर जलभराव की समस्या उत्पन्न की।


ओलावृष्टि का प्रभाव

गुरुवार सुबह लगभग 4:30 बजे हिसार में ओलावृष्टि ने मौसम को ठंडा कर दिया, जिससे तापमान में काफी गिरावट आई। नारनौल जिले में इस मौसम की सबसे अधिक बारिश हुई। IMD के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण नौ जिलों में वर्षा हुई, लेकिन 6 जून से उत्तर-पूर्वी हवाओं की जगह पश्चिमी हवाएं चलेंगी, जिससे मौसम फिर से गर्म और शुष्क होने की संभावना है।


भविष्यवाणी और सावधानियाँ

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि 9 जून तक मौसम में कोई विशेष बदलाव नहीं होगा, और अधिकतम तापमान में वृद्धि देखी जा सकती है। यह जानकारी उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो गर्मी और उमस से बचने की तैयारी कर रहे हैं।


सिरसा में बुधवार रात हुई तेज बारिश ने कई समस्याएं उत्पन्न कीं। शहर में 15 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि पंजुआना, अबबूशहर, खुईया, और नहराना में भी वर्षा हुई।


इस बारिश ने बिजली आपूर्ति को गंभीर रूप से प्रभावित किया, और कुछ क्षेत्रों में 12 घंटे बाद बिजली बहाल हुई। जलभराव के कारण सिरसा और रानियां में लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। ग्रामीण क्षेत्रों में पेड़ों की टहनियां टूटने से स्थानीय लोग सुबह इन्हें हटाने में व्यस्त रहे। बारिश के बाद उमस ने कर्मचारियों और नागरिकों को बाहर इंतजार करने पर मजबूर किया।


किसानों के लिए मिश्रित प्रभाव

यह मौसमी बदलाव किसानों के लिए मिश्रित प्रभाव लाया है। एक ओर बारिश ने फसलों को राहत दी, वहीं जलभराव ने कुछ क्षेत्रों में नुकसान की आशंका बढ़ाई। नागरिकों से अपील की गई है कि वे IMD के ताजा अपडेट्स पर ध्यान दें और गर्मी से बचने के लिए हल्के कपड़े पहनें, पर्याप्त पानी पिएं, और जलभराव वाले क्षेत्रों से दूर रहें।


यह मौसम पूर्वानुमान न केवल दैनिक जीवन की योजना बनाने में मदद करता है, बल्कि प्रशासन को बिजली और जल निकासी की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए भी प्रेरित करता है।