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हरियाणा में बिजली टैरिफ में बदलाव: जानें आपके बिल पर क्या असर पड़ेगा

हरियाणा में बिजली टैरिफ में बदलाव के साथ, उपभोक्ताओं के लिए नई दरें लागू होने जा रही हैं। अप्रैल 2025 से प्रभावी होने वाले इस नियम के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, जबकि कृषि उपभोक्ताओं के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। जानें कि आपके बिजली बिल पर क्या असर पड़ेगा और किन श्रेणियों में बदलाव होगा।
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हरियाणा में बिजली टैरिफ में बदलाव: जानें आपके बिल पर क्या असर पड़ेगा

हरियाणा में बिजली टैरिफ में नया नियम

हरियाणा में बिजली टैरिफ: नए नियम के तहत आपके बिल में कितना बदलाव होगा? जानें सच्चाई: हरियाणा में अप्रैल 2025 से बिजली की नई दरें लागू होने जा रही हैं। हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (HERC) ने हाल ही में बिजली की कीमतों में संशोधन की घोषणा की है। यह बदलाव पिछले सात वर्षों में पहली बार हो रहा है, जिससे उपभोक्ताओं के मन में कई सवाल उठ रहे हैं। क्या आपके बिल में वृद्धि होगी? क्या आपको कोई राहत मिलेगी? आइए, इस बदलाव को सरल भाषा में समझते हैं।


हरियाणा में बिजली की दरें लंबे समय तक स्थिर रहीं। बढ़ती लागत और परिचालन खर्चों के बावजूद, डिस्कॉम्स ने वित्तीय अनुशासन और बेहतर दक्षता के माध्यम से कीमतों को नियंत्रित रखा। पिछले एक दशक में तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान (AT&C losses) को 29% से घटाकर 10% तक लाया गया है, जो उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है। लेकिन नई दरें क्या बदलाव लाएंगी? चलिए, विस्तार से जानते हैं।


घरेलू उपभोक्ताओं के लिए राहत और बदलाव

हरियाणा में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए राहत: घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण खबर यह है कि न्यूनतम मासिक शुल्क (MMC) को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। यह कदम छोटे और मध्यम उपभोक्ताओं के लिए राहतकारी है। श्रेणी-I (2 किलोवाट तक लोड, 100 यूनिट तक खपत) के उपभोक्ताओं के बिल में 2014-15 की तुलना में 49% से 75% तक की कमी आई है। 2024-25 की तुलना में बिल में 10% से कम की वृद्धि हुई है।


श्रेणी-II (5 किलोवाट तक लोड) के लिए बिल में 3% से 9% की बढ़ोतरी देखी गई है, लेकिन 2014-15 की तुलना में अधिकांश उपभोक्ताओं के बिल कम हुए हैं। श्रेणी-III (5 किलोवाट से अधिक लोड) में 5% से 7% की वृद्धि है। कुल मिलाकर, 94% घरेलू उपभोक्ता श्रेणी-I और II में आते हैं, जो इस बदलाव से अधिक प्रभावित नहीं होंगे।


कुछ भ्रामक खबरें (misleading claims) यह दावा कर रही हैं कि बिल चार गुना बढ़ गए हैं, जो पूरी तरह गलत है। बिजली बिलों की तुलना पिछले साल के समान महीने से करनी चाहिए, क्योंकि खपत का पैटर्न बदलता रहता है। हरियाणा में निश्चित शुल्क (fixed charges) 0 से 75 रुपये/किलोवाट तक और ऊर्जा शुल्क (energy charges) 7.50 रुपये/यूनिट पर रखा गया है, जो पड़ोसी राज्यों की तुलना में कम है।


HT और LT उपभोक्ताओं के लिए नई दरें

हाई टेंशन और लो टेंशन उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ में बदलाव: हाई टेंशन (HT) और लो टेंशन (LT) उपभोक्ताओं के लिए भी टैरिफ में बदलाव किया गया है। HT श्रेणी में 7% से 10% की वृद्धि और LT श्रेणी में 4% से 7% की बढ़ोतरी देखी गई है। फिर भी, हरियाणा के टैरिफ पड़ोसी राज्यों की तुलना में कम हैं। उदाहरण के लिए, पड़ोसी राज्यों में LT उपभोक्ताओं के लिए निश्चित शुल्क 450 रुपये/किलोवाट और HT के लिए 475 रुपये/किलोवाट तक है। ऊर्जा शुल्क भी 8.95 रुपये/यूनिट (LT) और 7.75 रुपये/यूनिट (HT) तक है।


हरियाणा में छोटे और मध्यम LT उपभोक्ताओं के लिए प्रभाव न्यूनतम है। यह डिस्कॉम्स की लागत प्रभावी नीतियों का परिणाम है। उपभोक्ताओं को सस्ती और निर्बाध बिजली देने की प्रतिबद्धता बरकरार है।


किसानों के लिए विशेष राहत

कृषि उपभोक्ताओं के लिए विशेष प्रावधान: कृषि उपभोक्ताओं के लिए हरियाणा सरकार ने विशेष प्रावधान किए हैं। मीटर्ड कनेक्शन पर केवल 10 पैसे/यूनिट और फ्लैट रेट पर 15 रुपये/BHP/माह देना होगा।


शेष राशि का अनुदान राज्य सरकार वहन करेगी। MMC को भी कम कर 180 रुपये (15 BHP तक) और 144 रुपये (15 BHP से अधिक) कर दिया गया है। यह कदम किसानों को प्रोत्साहित करने और उनकी लागत कम करने के लिए उठाया गया है।


हरियाणा डिस्कॉम्स की यह पहल उपभोक्ता-केंद्रित नीतियों का हिस्सा है। बिजली की कीमतों में संतुलन बनाए रखते हुए, यह सुनिश्चित किया गया है कि उपभोक्ताओं पर बोझ न पड़े।