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हरियाणा में माल्टा फल की समस्या: बागवानों की चिंता बढ़ी

हरियाणा के सिरसा जिले में माल्टा और किन्नू के बागों में फल की कमी और मक्खियों के प्रकोप ने बागवानों की चिंता बढ़ा दी है। इस वर्ष फलों की संख्या कम होने के बावजूद दाम अच्छे रहने की उम्मीद है। जानें कैसे किसान इस समस्या का सामना कर रहे हैं और क्या उपाय किए जा रहे हैं।
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हरियाणा में माल्टा फल की समस्या: बागवानों की चिंता बढ़ी

हरियाणा में माल्टा फल की कमी

माल्टा फल की समस्या, डबवाली (सिरसा)। हरियाणा में सिट्रस फलों के उत्पादन में सिरसा जिला प्रमुख स्थान रखता है, लेकिन इस वर्ष माल्टा और किन्नू के बागों में फलों की संख्या कम है। अच्छी खबर यह है कि फलों के दाम अच्छे रहने की संभावना है। हालांकि, एक नई समस्या ने बागवानों की चिंता बढ़ा दी है - फल गिरने की समस्या। इसे मक्खियों के प्रकोप से जोड़ा जा रहा है। बागवानों का कहना है कि यह समस्या पहले कभी इतनी गंभीर नहीं रही। तेजा खेड़ा के किसान नरेंद्र डूडी ने बताया कि माल्टा में फल सेट कम था, लेकिन वृद्धि अच्छी हुई। अब फल अच्छे आकार में हैं, लेकिन स्क्रैच और मक्खियों के काटने से गिर रहे हैं। पुराने बागों में यह समस्या अधिक देखने को मिल रही है।


मक्खियों का नुकसान माल्टा में

किसानों का अनुभव

किसानों ने बताया कि नाशपाती और अमरूद जैसे फलों में मक्खियों का नुकसान तो होता ही है, लेकिन इस बार माल्टा में भी यह समस्या पहली बार सामने आई है। बागवान मुकेश, निशु जैन और कुलदीप ने कहा कि माल्टा का उत्पादन कम है, लेकिन दाम 35 से 40 रुपये के आसपास बताए जा रहे हैं। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कीट विज्ञान विभाग की प्रमुख डॉ. सुनीता यादव ने बताया कि फल मक्खियों को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका ट्रैप लगाना है। किसान विश्वविद्यालय से ये ट्रैप आसानी से प्राप्त कर सकते हैं, जिससे मक्खियों को फंसाकर फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है।


सिरसा में किन्नू और माल्टा की खेती

बागवानी का विस्तार

हरियाणा में किन्नू की बागवानी 65 हजार एकड़ में होती है, जिसमें सिरसा में 29 हजार एकड़ में किन्नू की खेती की जाती है, जिसमें 20% क्षेत्र माल्टा का है। इस बार किन्नू का उत्पादन प्रति एकड़ 50 से 70 क्विंटल तक होने की उम्मीद है, और दाम 25 से 35 रुपये तक रहने की संभावना है। वहीं, माल्टा का उत्पादन 30 से 50 क्विंटल प्रति एकड़ होगा और दाम 40 रुपये से ऊपर रहने की संभावना है। जिला बागवानी अधिकारी दीन मोहम्मद ने बताया कि वे गांव तेजा खेड़ा में निरीक्षण कर रहे हैं और अभी तक ड्रॉपिंग की समस्या की कोई शिकायत नहीं आई है।