हरियाणा में राजस्व रिकॉर्ड से हटेंगे 900 फारसी-अरबी शब्द

हरियाणा में राजस्व रिकॉर्ड में बदलाव
हरियाणा से एक महत्वपूर्ण खबर आई है, जिसमें बताया गया है कि मुगल सम्राट अकबर के समय से उपयोग में आ रहे फारसी और अरबी शब्द अब राजस्व रिकॉर्ड से हटाए जाएंगे। एक वन मैन रेवेन्यू कमीशन, जिसकी अध्यक्षता एक रिटायर्ड IAS अधिकारी कर रहे हैं, ने सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी है जिसमें 900 ऐसे शब्दों को हटाने की सिफारिश की गई है, जो 16वीं शताब्दी में प्रचलित थे।
सरकार द्वारा नई बुकलेट का प्रकाशन
सरकार इन शब्दों के स्थान पर हिंदी और अंग्रेजी के विकल्पों की एक बुकलेट जारी करेगी, जिससे लोग अपने राजस्व से संबंधित कार्यों को सरलता से कर सकें।
कमीशन का गठन
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जनवरी 2023 में रिटायर्ड IAS अधिकारी वीएस कुंडू को वन मैन रेवेन्यू कमीशन का अध्यक्ष नियुक्त किया था। उन्हें राजस्व विभाग के दस्तावेजों से फारसी, उर्दू और अरबी शब्दों को हटाने और भूमि से संबंधित कानूनों में संशोधन का कार्य सौंपा गया था। इस कमीशन ने लगभग 30 महीने बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
फर्जीवाड़े की समस्या
कई फर्जीवाड़ों का कारण बने इन शब्दों में वाहिब, मुतबन्ना, माहूना, मालगुजारी, वसीका, रफा-ए-आम, तरमीम, जद्दी, बारानी, और फरीक अव्वल जैसे शब्द शामिल हैं। ये शब्द आम जनता की समझ से बाहर हैं, जिससे अक्सर धोखाधड़ी होती है। कमीशन ने ऐसे 900 शब्दों की सूची तैयार की है, जिसमें उनके हिंदी और अंग्रेजी अर्थ भी शामिल हैं।
16वीं शताब्दी का संदर्भ
इन शब्दों का उपयोग 16वीं शताब्दी में मुगल शासक अकबर के वित्त मंत्री के समय से शुरू हुआ था। ब्रिटिश शासन के दौरान भी इनका प्रयोग जारी रहा। आज भी ये शब्द केवल राजस्व विभाग के अधिकारियों और तहसील रजिस्ट्रारों द्वारा समझे जाते हैं।
उदाहरण के लिए उपयोग में आने वाले शब्द
कुछ अरबी-फारसी शब्द और उनके हिंदी-अंग्रेजी अर्थ इस प्रकार हैं: - इंतकाल: मालिकाना हक बदलना - म्यूटेशन - तरमीम: संशोधन - सप्लीमेंट - फरीक अव्वल: प्रथम पक्ष - फर्स्ट पार्टी - फरीक दोयम: द्वितीय पक्ष - सेकेंड पार्टी - पड़त पटवार: पटवारी का रिकॉर्ड - पटवारी रिकॉर्ड - मालगुजारी: भूमि कर - प्रॉपर्टी टैक्स - आबादी देह: बसा हुआ क्षेत्र - रेजिडेंटल एरिया