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हरियाणा में लू का खतरा: 9 से 11 जून तक तापमान 45 डिग्री पार

हरियाणा में 9 से 11 जून के बीच लू का खतरा बढ़ने वाला है, जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। मौसम विभाग ने यलो अलर्ट जारी किया है और अगले कुछ दिनों में गर्मी से राहत की कोई उम्मीद नहीं है। जानें इस भीषण गर्मी से बचने के उपाय और क्या करें।
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हरियाणा में लू का खतरा: 9 से 11 जून तक तापमान 45 डिग्री पार

हरियाणा में गर्मी का नया दौर

हरियाणा में लू का खतरा: 9 से 11 जून तक तापमान 45 डिग्री पार, यलो अलर्ट जारी: हाल के दिनों में हुई बारिश ने हरियाणा के निवासियों को थोड़ी राहत दी थी, लेकिन अब एक बार फिर भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। मौसम विभाग ने 9 से 11 जून के बीच लू चलने की चेतावनी दी है और इसके लिए यलो अलर्ट जारी किया है।


आगामी तीन दिनों में तापमान में 3-4 डिग्री की वृद्धि होने की संभावना है, और दक्षिण हरियाणा तथा दक्षिण-पश्चिमी हरियाणा में पारा 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर सकता है। शनिवार को सिरसा सबसे गर्म स्थान रहा, जहां अधिकतम तापमान 44 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28.4 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। यह हरियाणा के निवासियों के लिए सतर्क रहने का संकेत है।


मौसम विभाग के अनुसार, अगले 8-9 दिनों में बारिश की कोई संभावना नहीं है, और मौसम पूरी तरह से शुष्क रहने की उम्मीद है। शुक्रवार से तापमान में वृद्धि शुरू हो चुकी है, और लू का प्रभाव पूरे राज्य में महसूस किया जाएगा।


चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि अगले 4-5 दिनों तक गर्मी से राहत की कोई उम्मीद नहीं है, और मानसून के आगमन में अभी 15-18 दिन लग सकते हैं। शनिवार को अंबाला में 40.3 डिग्री, हिसार में 41.8 डिग्री, रोहतक में 42.9 डिग्री, और फरीदाबाद में 39.5 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। लोगों को सलाह दी गई है कि वे हीटवेव से बचने के लिए सावधानी बरतें।


इस भीषण गर्मी से बचने के लिए विशेषज्ञों ने खूब पानी पीने, हल्के कपड़े पहनने, और दोपहर में बाहर निकलने से बचने की सलाह दी है। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान रखना आवश्यक है। सिरसा जैसे गर्म शहरों में लू का प्रभाव अधिक हो सकता है, इसलिए वहां के निवासियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी चाहिए।


मौसम विभाग ने नियमित अपडेट्स की सलाह दी है ताकि लोग हीटवेव से होने वाली परेशानियों से बच सकें। यह समय सावधानी और जागरूकता का है ताकि गर्मी की मार को कम से कम नुकसान के साथ झेला जा सके।