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हरियाणा में सर्द हवाओं का आगमन: स्वास्थ्य पर असर

हरियाणा में नवंबर के महीने में सर्द हवाओं का आगमन हो चुका है, जिससे लोगों में बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। ठंडी हवा और नमी के कारण बुखार, जुकाम, और गले में खराश जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था की कमी भी स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही है। चिकित्सकों ने सावधानियां बरतने की सलाह दी है। जानें इस मौसम में क्या करें और क्या न करें।
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हरियाणा में सर्द हवाओं का आगमन: स्वास्थ्य पर असर

हरियाणा मौसम: सर्द हवाओं का प्रभाव


हरियाणा में मौसम ने एक बार फिर से बदलाव किया है। नवंबर का महीना आते ही सर्द हवाएं महसूस होने लगी हैं। सुबह और शाम के समय ठंडक का अहसास होने लगा है, जिससे लोग बीमार पड़ने लगे हैं। हवा में नमी और हल्की ठंड के कारण बुखार, जुकाम, खांसी और गले में खराश जैसी बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है।


मौसम में बदलाव से स्वास्थ्य पर प्रभाव

ग्रामीण क्षेत्रों में सुबह के समय हल्की ठंडी हवा और धुंध का दृश्य देखने को मिल रहा है। लोग स्वेटर और शॉल पहनने लगे हैं। वहीं, दिन में तेज धूप और उमस के कारण लोग पसीने से तर हो जाते हैं। दिन और रात के तापमान में भारी अंतर स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। चिकित्सकों के अनुसार, इस मौसम में शरीर का तापमान संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।


बुखार और जुकाम की बढ़ती समस्या

सरकारी अस्पतालों और निजी क्लीनिकों में बुखार और जुकाम से पीड़ित मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। पिछले एक सप्ताह में ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है। यह मौसमी वायरल संक्रमण ठंडी और नमी भरे मौसम में तेजी से फैलता है। लोग इसे सामान्य सर्दी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन यह बुखार में बदल सकता है।


ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था की कमी

गांवों में सफाई व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है। जगह-जगह कूड़े के ढेर और गंदा पानी जमा होने से मच्छरों की संख्या बढ़ रही है। सफाईकर्मी केवल हफ्ते में एक बार आते हैं, जिससे गलियों में गंदगी फैली रहती है। शाम के समय मच्छरों की भरमार रहती है, जिससे बच्चे बीमार पड़ रहे हैं।


डॉक्टरों की सलाह: सावधानियां बरतें

स्थानीय चिकित्सकों का कहना है कि इस मौसम में लापरवाही भारी पड़ सकती है। डॉक्टरों के अनुसार, सुबह और शाम के समय ठंडी हवा से बचना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों को गर्म कपड़े पहनाने की सलाह दी जाती है। चाय, सूप और अदरक-शहद का सेवन करें। पर्याप्त नींद लें और शरीर को हाइड्रेटेड रखें। यदि बुखार दो दिन से अधिक समय तक बना रहे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


दवा की दुकानों पर भीड़

दवा की दुकानों पर सर्दी-जुकाम और बुखार की दवाइयों की बिक्री में अचानक वृद्धि हुई है। एक मेडिकल संचालक ने बताया कि पिछले सप्ताह से पेरासिटामोल और सिरप की बिक्री में लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। लोग घर पर ही इलाज करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे कई बार स्थिति बिगड़ जाती है।