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हरियाणा में सर्दियों के लिए स्कूलों में अवकाश की घोषणा

हरियाणा में ठंड के मौसम के चलते सरकार ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों में शीतकालीन अवकाश की घोषणा की है। यह अवकाश 1 जनवरी से 15 जनवरी 2026 तक रहेगा। शिक्षा विभाग ने छात्रों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए यह निर्णय लिया है। जानें इस अवकाश के पीछे के कारण और इससे जुड़े अन्य महत्वपूर्ण विवरण।
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हरियाणा में सर्दियों के लिए स्कूलों में अवकाश की घोषणा

सर्दी का असर और सरकार का निर्णय

हरियाणा में ठंड का मौसम अब पूरी तरह से शुरू हो चुका है। ठंडी हवाओं, गिरते तापमान और सुबह के घने कोहरे ने लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। खासकर छोटे बच्चों के लिए स्कूल जाना कठिन हो गया है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, हरियाणा सरकार ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों में शीतकालीन अवकाश की घोषणा की है।


हरियाणा सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी निर्देश के अनुसार, सभी स्कूलों में 1 जनवरी 2026 से 15 जनवरी 2026 तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। यह अवकाश कक्षा 1 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों के लिए लागू होगा। स्कूल 16 जनवरी 2026 से फिर से खुलेंगे।


छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता

शिक्षा विभाग ने बताया कि यह निर्णय छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि सर्दी के मौसम में जुकाम और अन्य मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।


सभी स्कूलों पर लागू आदेश

शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि यह आदेश राज्य के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और निजी स्कूलों पर लागू होगा। सभी स्कूल प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वे आदेशों का पालन सुनिश्चित करें।


कक्षाओं का संचालन

शीतकालीन अवकाश के दौरान नियमित कक्षाओं का संचालन पूरी तरह से बंद रहेगा। हालांकि, बोर्ड परीक्षाओं से जुड़े छात्रों को कुछ मामलों में स्कूल बुलाया जा सकता है।


कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए नियम

CBSE, ICSE और अन्य बोर्डों के दिशा निर्देशों के अनुसार, कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों को प्रैक्टिकल परीक्षाओं या प्रोजेक्ट कार्य के लिए निर्धारित कार्यक्रम के तहत स्कूल आना होगा।


निर्णय का महत्व

मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर के अंत और जनवरी की शुरुआत में हरियाणा के कई जिलों में तापमान सामान्य से 3 से 5 डिग्री तक गिर जाता है। सुबह के समय दृश्यता भी कई बार 50 मीटर से कम रह जाती है। ऐसे में छोटे बच्चों का स्कूल जाना जोखिम भरा हो सकता है।


भविष्य की संभावनाएँ

यदि ठंड का प्रभाव लंबे समय तक बना रहता है, तो सरकार स्थिति की समीक्षा कर आगे का निर्णय ले सकती है। फिलहाल शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि घोषित तारीखों के अनुसार ही अवकाश मान्य रहेगा।