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हरियाणा में स्थापित होगा नया सरसों तेल मिल, क्षमता 150 टीपीडी

हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन संघ लिमिटेड (हैफेड) ने रेवाड़ी जिले के रामपुरा में एक नया सरसों तेल मिल स्थापित करने की योजना बनाई है। इस मिल की प्रारंभिक प्रसंस्करण क्षमता 150 टीपीडी होगी, जिसे भविष्य में 300 टीपीडी तक बढ़ाने की संभावना है। यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत कार्यान्वित की जाएगी। जानें इस परियोजना के लाभ और इसकी कार्यान्वयन प्रक्रिया के बारे में।
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हरियाणा में स्थापित होगा नया सरसों तेल मिल, क्षमता 150 टीपीडी

हरियाणा में नया सरसों तेल मिल

हरियाणा: हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन संघ लिमिटेड (हैफेड) ने रेवाड़ी जिले के रामपुरा में एक अत्याधुनिक सरसों तेल मिल स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस मिल की प्रारंभिक प्रसंस्करण क्षमता 150 टन प्रति दिन (टीपीडी) होगी, जिसे भविष्य में 300 टीपीडी तक बढ़ाने की योजना है। यह परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत डिज़ाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट एंड ट्रांसफर (डीबीएफओटी) आधार पर कार्यान्वित की जाएगी।


इस संबंध में जानकारी मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में साझा की गई। बैठक में बताया गया कि यह संयंत्र अनुबंध प्रदान करने की तिथि से 18 महीनों के भीतर चालू होने की उम्मीद है। संयंत्र में उच्च गुणवत्ता के प्रसंस्करण मानक अपनाए जाएंगे और कुशल आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन को सुनिश्चित किया जाएगा।


रामपुरा भिवानी, महेन्द्रगढ़, हिसार, रोहतक, झज्जर और रेवाड़ी जैसे प्रमुख सरसों उत्पादक जिलों से निकटता रखता है। ये जिले मिलकर हरियाणा के कुल तोरिया-सरसों उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत योगदान करते हैं, जिससे कच्चे माल की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होती है। संयंत्र की वार्षिक आवश्यकता 45,000 मीट्रिक टन होगी, जो कैचमेंट क्षेत्र की उपलब्धता का लगभग 10 प्रतिशत है। इस प्रकार, संयंत्र का संचालन नियमित और स्थिर रहेगा।


प्रस्तावित स्थल कैचमेंट क्षेत्र से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यह बेहतरीन सड़क और रेल नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। इससे खरीद, परिवहन और वितरण में सुगमता होगी, साथ ही प्रदेश के तिलहन क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता में भी वृद्धि होगी।