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हरियाणा में हाइड्रोजन ट्रेन का सफल परीक्षण: हरित रेलवे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

हरियाणा में हाइड्रोजन ट्रेन का सफल परीक्षण भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह परीक्षण जींद-सोनीपत मार्ग पर किया गया, जहां ट्रेन ने 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति प्राप्त की। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल तकनीकी उन्नति है, बल्कि यह पर्यावरण की सुरक्षा में भी योगदान देगा। जानें इस परीक्षण के बारे में और इसके भविष्य की योजनाओं के बारे में।
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हरियाणा में हाइड्रोजन ट्रेन का सफल परीक्षण: हरित रेलवे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

हरियाणा में हाइड्रोजन ट्रेन का परीक्षण

हरियाणा हाइड्रोजन ट्रेन परीक्षण: भारत में हरित रेलवे की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम: (हरियाणा हाइड्रोजन ट्रेन परीक्षण) ने रेलवे तकनीक में एक नया मोड़ लाने की शुरुआत की है। यह ट्रेन, जो चेन्नई की (Integral Coach Factory) में बनाई गई है, अब सभी परीक्षणों को सफलतापूर्वक पास कर चुकी है।


भारत अब उन देशों में शामिल हो गया है, जहां (हाइड्रोजन ईंधन ट्रेन) का उपयोग परिवहन में किया जा रहा है। यह परीक्षण न केवल तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि (हरित गतिशीलता भारत) के मिशन को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।


जींद-सोनीपत मार्ग पर पहला परीक्षण


यह (भारतीय रेलवे परीक्षण) हरियाणा के (जींद सोनीपत हाइड्रोजन मार्ग) पर 89 किलोमीटर की दूरी पर किया गया। परीक्षण के दौरान, ट्रेन ने 110 किलोमीटर प्रति घंटे की गति प्राप्त की। इस (रेलवे पारिस्थितिकी परियोजना) पर कुल ₹111.83 करोड़ का खर्च आया है।


पायलट प्रोजेक्ट के तहत यह परीक्षण अत्यंत सफल रहा और इसे जल्द ही नियमित संचालन में लाने की योजना है। इससे (रेलवे भविष्य की योजना) को एक ठोस दिशा मिलेगी।


हाइड्रोजन ईंधन से सुरक्षा और पर्यावरण को लाभ


(हरित रेलवे तकनीक) न केवल यात्रियों को एक सुखद और शांत सफर प्रदान करेगी, बल्कि यह पर्यावरण की रक्षा भी करेगी। (हाइड्रोजन रेल इंजन) का उपयोग जीवाश्म ईंधन की तुलना में कहीं अधिक प्रभावी है, जिससे वायुमंडलीय प्रदूषण में महत्वपूर्ण कमी आएगी।


(अश्विनी वैष्णव का बयान) के अनुसार, यह प्रोजेक्ट देश को ग्रीन एनर्जी की दिशा में ले जाने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका प्रभाव आने वाले वर्षों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।