हरियाणा विधानसभा में BPL कार्ड पर हंगामा: विपक्ष ने उठाए गंभीर सवाल

हरियाणा में BPL कार्ड का विवाद
हरियाणा में BPL कार्ड का मुद्दा: हरियाणा विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान BPL कार्ड को लेकर काफी हंगामा हुआ। विपक्ष ने सरकार पर बीपीएल कार्ड धारकों की संख्या में कमी लाने का आरोप लगाया और कई गंभीर सवाल उठाए। कांग्रेस के विधायकों ने सरकार पर गरीबों के साथ धोखा करने का आरोप लगाया। आइए जानते हैं कि इस मुद्दे पर क्या चर्चा हुई और सरकार ने क्या उत्तर दिया।
विपक्ष के आरोप
विपक्ष के गंभीर आरोप
कांग्रेस विधायक शीशपाल केहरवाला ने सरकार से पूछा कि जनवरी 2024 से लेकर 31 जुलाई 2025 के बीच कितने नए बीपीएल कार्ड जारी किए गए और कितने परिवारों को सूची से हटाया गया। उन्होंने बीपीएल कार्ड रद्द करने के कारण भी जानने की कोशिश की। विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पवार ने उत्तर देते हुए बताया कि इस अवधि में 8.57 लाख परिवारों को बीपीएल सूची में शामिल किया गया, जबकि 9 लाख से अधिक परिवारों को हटा दिया गया। अब बीपीएल परिवारों की संख्या घटकर 41.93 लाख रह गई है, जो कि 22 अगस्त 2025 तक का आंकड़ा है।
सरकार का जवाब
विपक्ष का हमला और सरकार का जवाब
कांग्रेस विधायक केहरवाला ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव के समय वोटों के लिए सरकार ने बीपीएल सूची में तेजी से परिवारों को जोड़ा, लेकिन चुनाव के बाद गुपचुप तरीके से सर्वे कराकर लाखों परिवारों को बाहर कर दिया। उनका कहना था कि इससे गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा। इस पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि बीपीएल सूची को पारदर्शी बनाने के लिए पोर्टल पर लोगों से उनकी आय की जानकारी मांगी गई। जिन परिवारों की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम थी, उन्हें बीपीएल श्रेणी में रखा गया, जबकि अधिक आय वाले परिवार स्वतः सूची से बाहर हो गए। सीएम ने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।