हरियाणा श्रम कल्याण बोर्ड को भंग करने की मांग: अनिल विज का बयान

श्रम मंत्री अनिल विज ने उठाई बोर्ड भंग करने की मांग
हरियाणा के श्रम मंत्री अनिल विज ने श्रम कल्याण बोर्ड को भंग करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मार्च 2024 में गठित इस बोर्ड में ऐसे सदस्य शामिल किए गए हैं, जो न तो श्रमिक हैं और न ही निर्माण कार्य से जुड़े हुए हैं। विज ने आरोप लगाया कि बोर्ड में ऐसे लोग शामिल हैं, जो केवल राजनीतिक गतिविधियों में संलग्न रहते हैं। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि ऐसे सदस्यों को तुरंत हटाया जाए।
भविष्य में श्रम एक्ट के अनुसार होगी नियुक्ति
अनिल विज ने स्पष्ट किया कि भविष्य में बोर्ड के सदस्यों की नियुक्ति श्रम कानून के अनुसार की जाएगी। उन्होंने कहा कि केवल श्रमिक और निर्माण कार्य से जुड़े लोग ही इस बोर्ड में शामिल होंगे। विज ने यह भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि पहले सदस्यों की नियुक्ति कैसे की गई थी, लेकिन आगे की प्रक्रिया कानून के अनुसार होगी।
श्रमिकों की समस्याओं के समाधान के लिए बोर्ड का गठन
श्रम विभाग के अधिनियम के अनुसार, इस बोर्ड का उद्देश्य श्रमिकों की समस्याओं का समाधान करना है। इसमें 10 सदस्यों की नियुक्ति की जाती है, जिसमें एक महिला सदस्य होना अनिवार्य है। लेकिन पिछले वर्ष गठित बोर्ड में किसी महिला श्रमिक को स्थान नहीं दिया गया।
राजनीतिक सिफारिशों पर बोर्ड में शामिल हुए सदस्य
सूत्रों के अनुसार, इस बोर्ड में 5 श्रमिकों और 5 निर्माण कार्य में लगे व्यक्तियों को शामिल किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बताया गया है कि राजनेताओं की सिफारिश पर ठेकेदारों के बजाय यूनियन के सदस्यों को रखा गया।
अधिकारियों को कानूनों के अनुसार कार्य करने की सलाह
मंत्री विज ने हाल ही में विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे मनमानी करने के बजाय कानूनों के अनुसार कार्य करें। उन्होंने कहा कि विभाग में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कई अधिकारियों की गतिविधियों की जानकारी उनके पास है।
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